वास्तु टिप्स : अपने घर के मुख्य प्रवेश द्वार पर भूलकर भी ना करें ये गलतियां
इंटरनेट डेस्क। किसी भी घर का मुख्य द्वार उसका मुख्य स्थान होता है क्योंकि यही से हर प्रकार की ऊर्जा घर के अंदर प्रवेश करती है। इसलिए घर के इस स्थान का बहुत ज्यादा ध्यान रखा जाना चाहिए। वास्तु के अनुसार घर के मुख्य द्वार की दिशा और स्थिति का सही होना बहुत जरुरी होता है और हर समय इसे साफ़-स्वच्छ भी रखा जाना चाहिए। आज हम आपको कुछ ऐसी बातें बता रहे है जिनको आपको घर के मुख्य प्रवेश द्वार के संबंध में ध्यान में रखनी चाहिए।
इंटरनेट डेस्क। घर के मुख्य प्रवेश द्वार बायीं तरफ होना चाहिए। आपको मुख्य द्वार का निर्माण उत्तर-पश्चिम दिशा में करने से बचना चाहिए। इस दिशा में प्रवेश द्वार होने से आपके घर में सूरज की रोशनी पर्याप्त मात्रा में नहीं आएगी।
मुख्य प्रवेश द्वार दीवार के बीच में होना चाहिए और खिड़कियों को उत्तर-पूर्व दिशा में बनाया जाना चाहिए। यह द्वार कभी भी दीवार के कोने में नहीं होना चाहिए।
आपको प्रवेश द्वार का निर्माण पश्चिम दिशा में दांयी तरफ नहीं करना चाहिए क्योंकि वास्तु के अनुसार यह दिशा खिड़कियों के लिए निर्धारित होती है। इसके अलावा आपके घर का प्रवेश द्वार दक्षिण पश्चिम दिशा में खुलता हुआ नहीं होने चाहिए।
अगर आप मुख्य द्वार का निर्माण दक्षिण दिशा में करवा रहे है तो यह ईमारत के बीच में नहीं होना चाहिए। इसके बजाय इसका निर्माण दांयी तरफ करना चाहिए।
मुख्य द्वार पर कभी भी अनावश्यक चीज़ें नहीं होनी चाहिए और इसको हमेशा साफ़ सुथरा रखना चाहिए। आप इसे शुभ और पवित्र बनाने के लिए स्वास्तिक और शुभ लाभ जैसे चिन्ह लगा सकते है।