इंटरनेट डेस्क। भारतीय लोगों ने वास्तु शास्त्र बहुत महत्व माना जाता है अपने जीवन से जुड़े सभी कार्य वास्तु शास्त्र में बताए गए नियमों के अनुसार करते हैं तो हमें परेशानियों सामने नहीं करना पड़ता बजाय उन लोगों के जो अपना जीवन अपनी इच्छा और बिना वास्तुशास्त्र के नियमों को ध्यान में रखें व्यतीत करते हैं। वास्तु शास्त्र में हमारे जीवन से जुड़ी हर छोटी से छोटी चीज के लिए तो आज तो हम बताएं रहे हैं। वास्तु शास्त्र में रहे रसोई घर को लेकर भी कई वास्तु नियम बताए गए हैं। यदि आप का रसोईघर वास्तुशास्त्र के नियमों के अनुसार बनाया हुआ होता है तो उसमें कोई वास्तु दोष नहीं होता और आपको परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ता। जी आपके रसोई घर में किसी भी तरह का वास्तु दोष हुआ तो आपको अपने परिवार से जुड़ी कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। परिवार के सदस्यों के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है। आइए इस लेख के माध्यम से हम वास्तु शास्त्र में बताया गया कुछ ऐसे नियमों के बारे में बताएंगे जिनका पालन घर पर आप अपने घर में सुख शांति और समृद्धि बनाए रख सकते हैं। आइए जानते हैं रसोईघर से जुड़े वास्तु नियमों के बारे में विस्तार से -

* वास्तुशास्त्र के नियमों के अनुसार घर में रसोई घर बनवाने के लिए अग्नि कोण का दक्षिण पूर्व दिशा सबसे उत्तम जगह मानी जाती है। इसलिए हमेशा रसोई घर का निर्माण इसी जगह पर करवाएं।

* यदि आपके घर में किचन का निर्माण ईशान कोण में यानी कि उत्तर पूर्व दिशा में किया गया होता है तो आपके घर के सदस्यों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है पैसों की परेशानी झेलनी पड़ती है और रिश्ते भी खराब होने लगता है।

* रसोई घर का निर्माण वायव्य कोण यानी की उत्तर पश्चिम दिशा में कराया जा सकता है इस जगह पर रसोईघर के निर्माण से किसी तरह का वास्तु दोष तो नहीं होगा लेकिन सास बहू के रिश्ते में कड़वाहट आ सकती हैं।

* यदि आप अपने घर में रसोई घर का निर्माण दक्षिण पश्चिम दिशा में करवाते हैं तो आपके घर के मुखिया को कई कष्टों का सामना करना पड़ सकता है और उसके स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव पड़ सकता है।

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