Vastu Tips: वास्तु शास्त्र के अनुसार भगवान को चढ़ाए गए प्रसाद से जुड़ी इन बातों का रखें ध्यान !
भारतीय लोगों में वास्तु शास्त्र का बहुत महत्व माना जाता है क्योंकि वास्तु शास्त्र में हर समस्या का समाधान और कई तरह के नियम बताया गया है जिन्हें अपनाकर अपनी सभी समस्याओं को दूर कर सकता है। हमारी भारतीय संस्कृति में हवन पूजन के बाद भगवान को प्रसाद का भोग लगाना शुभ माना जाता है जिसको लेकर भी वास्तुशास्त्र में कई तरह के नियम बताए गए हैं। ऐसा माना जाता है कि भोग लगाने से भगवान प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों पर अपना आशीर्वाद बनाए रखते हैं। यदि वास्तु शास्त्र के अनुसार बताए गए भोग से जुड़े नियमों का हम उल्लंघन करते हैं तो हमारे लाइफ में कई तरह की मुश्किलों का आगमन होने लगता है। आइए इस लेख के माध्यम से आपको बताते हैं कि भगवान के भोग से जुड़ी बातों के बारे में जिनका आपको का ध्यान रखना चाहिए। आइए जानते है विस्तार से -
* लोगों में भोग को लेकर रहता है असमंजस :
वास्तु शास्त्र के अनुसार भगवान पर चढ़ाए जाने वाले भोग को नैवेद्य कहा जाता है। इसने वेद को बहुत ही शुभ और मंगल कारक माना जाता है अधिकतर लोग भगवान की प्रतिमा पर भोग लगाने के बाद इस असमंजस में रहते हैं कि इस भोग का अब क्या किया जाए क्या उसे ग्रहण कर लिया जाए या फिर उसे उसी जगह पर छोड़ दिया जाए। भोग से जुड़ा यह असमंजस कई बार लोगों के लिए कई तरह की मुश्किलों का कारण बन जाता है।
* भगवान की प्रतिमा के सामने से भोगना हटाने के नुकसान :
वास्तु शास्त्र के अनुसार भगवान को भोग लगाने के कुछ देर बाद उसे वहां से हटा देना चाहिए ऐसा ना करने से हमारे घर में कई तरह की नकारात्मक ऊर्जा वहां पर आ जाती है और वह को भ्रष्ट कर देती है जिससे इंसान के जीवन में बुरी स्थिति शुरू हो जाती है। वास्तु शास्त्र के अनुसार बहू को भगवान की प्रतिमा के सामने से हटाकर किसी सोने या पत्थर और मिट्टी के पात्र में रख देना चाहिए। ऐसा करना है शुभ माना जाता है और परिवार पर भगवान की कृपा भी बनी रहती है।
* बांट दे या खुद ग्रहण कर ले भोग को :
वास्तु शास्त्र के अनुसार भगवान के भोग को पात्र में रखने के कुछ देर बाद वह भोग प्रसाद का रूप ले लेता है ऐसे में उस प्रसाद को या तो आप खुद ग्रहण कर ले या फिर संभव हो तो दूसरों में भी बांट देना चाहिए ऐसा करने से भगवान प्रसन्न होते हैं और प्रसाद ग्रहण करने वाले सभी लोगों को अपना आशीर्वाद देता है बताया जाता है कि जो लोग भगवान के प्रसाद से जुड़े नियमों का श्रद्धा पूर्वक पालन करते हैं उनके जीवन में किसी भी तरह की समस्या नहीं आती और वह हमेशा खुश रहते हैं।