तुलसीदास हिंदी साहित्य के महान कवियों में से एक है। उनके दोहे कविताएं आदि इतिहास में अमर है और लोग उन्हें आज भी काफी मानते हैं। इनका जन्म उत्तर प्रदेश के सोरों शूकर क्षेत्र जो वर्तमान समय में कासगंज (एटा) में हुआ था। इतना ही नहीं रामायण के रचनाकार महर्षि वाल्मीकि का अवतार भी तुलसीदास को माना जाता है। रामचरितमानस भारत के धार्मिक ग्रंथों में से एक है और इसका काफी महत्व भी है।

रामचरितमानस की रचना से पूर्व तुलसीदास विवाह के बाद अपनी पत्नीं के प्रेम में मानो बैराग से हो गए थे कि वे अपनी पत्नी को कही जाने ही नही देते थे और यदि वह कहीं जाती थी तो स्वयं भी उनके पीछे चल पड़ते थे। पत्नी के बहुत बुरा भला कहने पर उन्हें सत्य का ज्ञान हुई और रामचरितमानस की रचना की। फिर उन्होंने तुलसीदास ने विनय पत्रिका रचना की। इसमें उन्होंने स्त्रियों से जुड़ी 2 बाते बताई और ये बातें सभी को पता भी होनी चाहिए।

हर स्त्री रूप और रंग से किसी को भी आकर्षित कर सकती है। इसलिए पुरुषों को महिलाओं की सुंदरता पर आकर्षित नहीं होना चाहिए। सब कुछ अपनी बुद्धि और विवेक से सोच समझ कर करना चाहिए।

हर पुरुष को अपनी धर्म पत्नी और अपनी माता के अतिरिक्त सभी स्त्रियों बहन का रूप मानना चाहिए।

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