इंटरनेट डेस्क. इस बात को हम सभी अच्छी तरह जानते हैं कि भारत में हजारों गांव मौजूद है सभी गांव की सभ्यता संस्कृति और इतिहास अलग-अलग है। हजारों गांव वाले इस भारत देश में कुछ ऐसे गांव भी मौजूद है जिन से कुछ न कुछ अजीबो गरीब कहानियां जुड़ी हुई है। कई गांव में 50 साल से शादी नहीं हुई तो कई गांव में लोगों को 2 देशों की नागरिकता मिली हुई है आइए इस लेख के माध्यम से जानते हैं भारत में स्थित ऐसे अजीबोगरीब गांव के बारे में -

* नागालैंड में स्थित लोंगवा गांव :

लोंगवा गांव जो नागालैंड में स्थित है इस गांव से जुड़ी खास बात यह है कि इस गांव के निवासियों में से अधिकतर के पास 2 देशों की नागरिकता है। यह गांव म्यांमार और भारत के बीच बॉर्डर में स्थित है और कहा जाता है कि यहां पर रहने वाले लोगों के पास दोहरी नागरिकता है।

* महाराष्ट्र का शनि शिंगणापुर गांव :

सामान्य रूप से आपने सभी जगह पर देखा होगा कि घर से बाहर जाते समय या रात को सोने से पहले हम सभी अपने अपने घरों के दरवाजे बंद करके सोते हैं लेकिन महाराष्ट्र में स्थित शनि शिंगणापुर गांव में लोग बिना दरवाजे बंद किए ही सोते हैं। सुरक्षा की दृष्टि से यह बात बहुत ही अजीब सी लगती है लेकिन इस गांव में आज भी लोग बेफिक्र या यूं कहे की फ्री होकर सोते हैं।

* कर्नाटक में स्थित मत्तूर गांव :

मत्तूर गांव जो कर्नाटक के शिवमोग्गा जिले में स्थित है यहां पर रहने वाले अधिकतर लोग संस्कृत भाषा को इस्तेमाल करते हैं जबकि दक्षिण भारत के राज्य कर्नाटक के ज्यादातर हिस्सों में कन्नड़ भाषा बोली जाती है लेकिन इस गांव में आज भी संस्कृत भाषा में बातचीत की जाती है जो एक विचित्र बात है।

* बिहार में मौजूद बड़वां कला गांव :

बिहार में स्थित इस गांव में 2017 में 50 साल बाद बारात समारोह का आयोजन किया गया था यह बहुत ही अजीबोगरीब बात है कि कि ऐसा भी हो सकता है। बताया जाता है कि इस गांव में पहुंचने के लिए एकमात्र रास्ता है जो 10 किलोमीटर का ट्रैक था जिसकी वजह से यहां पर बारात नहीं आ पाती थी लेकिन बाद में लोगों ने रास्ते को खुदवा कर ठीक करवाया और सड़क का निर्माण करवाया जिसके बाद यहां पर किसी बारात समारोह का आयोजन किया गया।

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