Travel Tips: अगर आप भी करना चाहते है Toy Train कि सवारी तो शिमला ही नहीं ये जगह भी है बेस्ट !
अधिकतर स्कूलों की गर्मियों की छुट्टियां आ चुकी है। और हर साल की तरह कई फैमिली ( Family trip ) घूमने का प्लान बन रहे होंगी. वैसे फैमिली ट्रिप में बच्चों की खुशी का खयाल रखना भी बहुत जरूरी है, क्योंकि समर वेकेशन का असली फील तो इन्हें ही आता है. कोई बीच पर मस्ती करना पसंद करता है, तो किसी को ठंडे हिल स्टेशन ( Hill stations in India ) पर मौजूद खूबसूरत नजारे पसंद आते हैं. वैसे आप कई एक्टिविटी जैसे वाटर पार्क व एडवेंचर प्लेसिस में बच्चों को ले जा सकते हैं, लेकिन दूसरे शहर या जगह पर छुट्टियों को एंजॉय करने की बात ही अलग होती है. हम बात कर रहे हैं टॉय ट्रेन ( Toy trains in India ) में एंजॉय करने की। भारत में वैसे तो शिमला में टॉय ट्रेन की सवारी बहुत मशहूर है।खूबसूरत वादियों और हरियाली के बीच से गुजरने वाली टॉय ट्रेन का अनुभव कोई चाहकर भी भूल नहीं सकता है। लेकिन यहां और भी कई ऐसी जगहें हैं, जहां इस अट्रैक्टिव ट्रेन की सवारी कराई जाती है। इस लेख के माध्यम से आपको बताएंगे शिमला के अलावा ऐसी जगह के बारे में जहां पर टॉय ट्रेन की सवारी कराई जाती है। आइए जानते है उन जगहों के बारे में -
* कांगड़ा घाटी, हिमाचल :
इस टॉय ट्रेन में सफर करते समय आप खूबसूरत नहरों और चाय के बागानों को देख सकते हैं. पठानकोट जंक्शन से शुरू होने वाले इस रूट में कांगड़ा, नगरोटा, पालमपुर और बैजनाथ जैसे स्टॉप भी आते हैं। कांगड़ा घाटी में चलने वाली टॉय ट्रेन का रूट पठानकोट से शुरू होता है और ये जोगिंद्रनगर में जाकर पूरा होता है. इसे भी यूनेस्को के द्वारा हेरिटेज की कैटेगरी में डाला गया है।
* दार्जिलिंग, पश्चिम बंगाल :
इस रूट में आपको टेढ़े मेढ़े पहाड़ों पर सवारी करने का मौका मिल सकता है. सर्दियों के दौरान इस रूट पर गुजरने वाली टॉय ट्रेन से आप बर्फ से ढके पहाड़ों को देख सकते हैं. दार्जिलिंग में मौजूद खूबसूरत नजारों की वजह से इसे भी भारत में स्वर्ग माना जाता है. फैमिली के साथ इस ट्रेन में सवारी करने का अलग ही मजा है।
* कालका-शिमला, हिमाचल प्रदेश :
टॉय ट्रेन में सवारी की बात हो रही है, तो सबसे पहले आपको कालका-शिमला रूट के बारे में ही बता देते हैं. इस रूट की दूरी करीब 96 किलोमीटर है, जिसे तय करने में 6 से 7 घंटे लग जाते हैं. इस रूट को कालका-शिमला के नाम से जाना जाता है. हरे-भरे पहाड़ों और खूबसूरत वादियों के बीच के गुजरने वाली इस ट्रेन में सवारी करने का अलग ही मजा है. यह ट्रेन करीब 103 सुरंगें से गुजरती है, जिसमें 850 से ज्यादा पुल आते हैं।