भारत सरकार ने हाल ही में डीजल, विमानन टरबाइन ईंधन और कच्चे तेल के निर्यात से संबंधित अप्रत्याशित कर दरों में बदलाव की घोषणा की है। इन समायोजनों का उद्देश्य चिंताओं को दूर करना और ऊर्जा बाजार में स्थिरता को प्रोत्साहित करना है। यह जानकारी भारत सरकार द्वारा जारी एक आधिकारिक अधिसूचना से मिली है।

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कच्चे तेल पर अप्रत्याशित कर में वृद्धि:

  • कच्चे ते पर अप्रत्याशित कर को ₹1,300 से बढ़ाकर ₹2,300 प्रति टन कर दिया गया है, जो एक महत्वपूर्ण समायोजन को दर्शाता है।

डीजल और विमानन टरबाइन ईंधन (एटीएफ) कर में कटौती:

इसके विपरीत, डीजल पर विंडफॉल टैक्स 0.5 रुपये प्रति लीटर कम किया गया है। विमानन टरबाइन ईंधन पर कर में भी कमी देखी गई है, प्रति लीटर 1 रुपये की कटौती की गई है।

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उपभोक्ताओं पर प्रभाव:

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि ये कर समायोजन मुख्य रूप से निर्यात को प्रभावित करते हैं और भारतीय उपभोक्ताओं पर सीधा प्रभाव सीमित हो सकता है।

अप्रत्याशित कर पर पृष्ठभूमि:

भारत ने शुरू में घरेलू रिफाइनरियों को स्थानीय बाजारों पर उच्च कीमत वाली अंतरराष्ट्रीय बिक्री को प्राथमिकता देने से रोकने के लिए जुलाई 2022 में कच्चे तेल उत्पादों पर अप्रत्याशित कर लगाया था।

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ईंधन की कीमतों में संभावित कमी:

हालिया रिपोर्टों से पता चलता है कि आने वाले दिनों में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बड़ी गिरावट हो सकती है। सरकार 2024 के चुनाव से पहले यह कदम उठा सकती है।

देशभर में ईंधन की कीमतें कम करने की वकालत करने वाला एक प्रस्ताव प्रधानमंत्री कार्यालय को भेजा गया है.

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