Travel Tips: उत्तराखंड के रानीखेत में छिपा है स्वर्ग सा नजारा, खूबसूरती ऐसी कि नहीं करेगा वापस आने का मन
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उत्तराखंड राज्य की सुंदरता का कोई सीमा नहीं है, और यह अद्वितीय प्राकृतिक सौंदर्य से लबरेज है। यहां आपको उन प्राकृतिक नजारों का मनोहर अनुभव होता है जिनकी आपने कभी सोचा भी नहीं होगा। इस राज्य की शांत वादियां सिर्फ लोगों को ही नहीं, बल्कि पहाड़ों की ऊँचाइयों ने भी एक नया किरदार बना लिया है। यही एक कारण है कि जो भी इस राज्य में आता है, वह यहाँ से वापस नहीं जाना चाहत है।
रानीखेत का इतिहास
इस हिल स्टेशन की खोज का श्रेय कहा जाता है कि राजा सुखरदेव की पत्नी, रानी पद्मिनी, ने की थी। एक बार रानी इस जगह से गुजर रही थीं, और उन्हें यहां की सुंदरता में इतना मोह हुआ कि उन्होंने राजा से यहां ठहरने की इच्छा जाहिर की। रानी के इस प्रस्ताव को मानकर राजा ने इस जगह पर ठहरने का निर्णय लिया और उसने इसे "रानीखेत" का नाम दिया। 1869 में, अंग्रेजों ने यहां कुमाऊं रेजीमेंट का मुख्यालय स्थापित करके इस जगह का उपयोग गर्मी से छुटकारा पाने के लिए किया था। रानीखेत अब भी भारतीय सेना का महत्वपूर्ण सेना केंद्र है और इसका संरक्षण भी रक्षित है।
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रानी झील
रानीखेत जाने का प्लान बना रहे हैं तो रानी झील को बिल्कुल न भूलें। यहां बोटिंग आनंददायक हो सकती है और ये जगह कम शोर-शराबा पसंद करने वाले लोगों के लिए भी एकदम बढ़िया है। इसकी एंट्री के लिए कोई शुल्क नहीं है और यहां पहुंचते ही आपको "आई लव रानीखेत" लिखा हुआ साइन बोर्ड दिखाई देगा, जिसके साथ लोग सेल्फी लेने में लगे रहते हैं। यहां अलग-अलग प्रकार की एडवेंचर एक्टिविटीज भी आयोजित की जाती हैं, जिनसे बच्चे से लेकर बड़े तक सभी का आनंद उठता है।
सरना गार्डन रोड
सरना गार्डन रोड के बारे में कुछ ही लोग जानते हैं, लेकिन इस जगह पर भी भीड़भाड़ नहीं है। यहां का मौसम सुबह-सुबह के लिए अत्यंत सुहावना होता है, और इससे यहां से सनसेट का दृश्य भी अद्वितीय होता है।
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चौबटिया बाग
चौबटिया बाग, जो रानीखेत से लगभग 10 किमी दूर है, सेब के बगीचों के लिए प्रसिद्ध है। इसके अलावा, इस जगह पर ट्रैकिंग का आनंद लेने के लिए भी आप यहां जा सकते हैं।
रानीखेत पहुंचने का तरीका
यदि आप हवाई यात्रा से रानीखेत जाना चाहते हैं, तो पंतनगर हवाई अड्डा रानीखेत से 119 किमी की दूरी पर है, जो कि टैक्सी या कैब के माध्यम से पहुंचा जा सकता है। रेलवे स्टेशन काठगोदाम रानीखेत से 80 किमी दूर है और आप हल्द्वानी और काठगोदाम रेलवे स्टेशन से टैक्सी की सहायता ले सकते हैं। सड़क मार्ग से भी रानीखेत को अच्छी तरह से जोड़ा गया है, जिससे यह देहरादून से 318 किमी और दिल्ली से 363 किमी की दूरी पर स्थित है।
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