आपने भारतीय रेलवे से जुड़े कई किस्से सुने होंगे, जिसमें इंसानियत की खातिर रेल कर्मचारी किसी भी हद तक चले जाते हैं। ऐसा ही कुछ हुआ झारखंड में, जहां एक महिला की जान बचाने के लिए रेलवे अधिकारियों ने विपरीत दिशा में एक्सप्रेस ट्रेन चलाने का फैसला किया।

जानकारी के अनुसार मंगलवार रात टाटानगर से भुवनेश्वर के लिए रवाना हुई आनंद विहार-भुवनेश्वर संपर्क क्रांति एक्सप्रेस में एक महिला की डिलीवरी के बाद ट्रेन को अपने गंतव्य से विपरीत दिशा में चलाना पड़ा। करीब ढाई किलोमीटर पहले ट्रेन को उल्टा चलाने के बाद महिला और नवजात बच्चे को टाटानगर रेलवे स्टेशन पर सुरक्षित उतार लिया गया और मेडिकल टीम ने प्रारंभिक जांच की, जिसके बाद उन्हें खासमहल के सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया। रेलवे अधिकारी ने बताया कि अब महिला और बच्चा दोनों स्वस्थ हैं। चलती ट्रेन में बच्चे को जन्म देने वाली महिला का नाम रानू दास बताया जा रहा है।

रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि महिला ट्रेन के कोच नंबर 5 में यात्रा कर रही थी। उसे उड़ीसा के जलेश्वर में उतरना था। ट्रेन देर शाम टाटानगर स्टेशन से निकली ही थी कि चलती ट्रेन में महिला के प्रसव और बच्चे को जन्म देने की सूचना टाटानगर स्टेशन को दी गई। तब तक ट्रेन करीब ढाई किलोमीटर आगे बढ़ चुकी थी।


सूचना मिलने के बाद ट्रेन को टाटानगर स्टेशन पर वापस ले जाने का निर्णय लिया गया। क्योंकि ट्रेन का अगला पड़ाव हिजली था, जहाँ पहुंचने में कम से कम दो घंटे लगते और इस बीच उनकी जान को खतरा हो सकता था। हालांकि, टाटानगर रेलवे स्टेशन के अधिकारियों ने स्थानीय रेलवे अस्पताल को सूचित किया और मेडिकल टीम को स्टेशन पर बुलाया। इसके अलावा ट्रेन को करीब ढाई-तीन किलोमीटर विपरीत दिशा में चलाया गया।

टाटानगर स्टेशन पर मेडिकल टीम की मदद से महिला और उसका बच्चा ट्रेन से उतरे। यहां दोनों का कुछ टेस्ट किया गया और फिर उन्हें खासमहल स्थित सदर अस्पताल भेजा गया। इसके बाद ट्रेन भुवनेश्वर के लिए रवाना हुई। ट्रेन में सवार यात्रियों ने रेलवे अधिकारियों की संवेदनशीलता और इस फैसले की सराहना की।

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