By Jitendra Jangid- आज के डिजिटल वर्ल्ड में स्मार्टफोन हमारे जीवन का अहम हिस्सा बन गए हैं, जिनके बिना जीवन का एक मिनट भी बिता पाना मुश्किल है। लेकिन इस बढ़ती सुविधाओं के साथ दुविधाएं भी आने लगी हैं, ऐसी ही एक दुविधा हैं स्पैम कॉल और संदेशों का बढ़ना स्मार्टफोन उपयोगकर्ताओं के लिए एक बड़ी चिंता का विषय बन गया है। धोखेबाज़ लोगों को धोखा देने और उनके पैसे चुराने के लिए संचार तकनीकों का तेज़ी से फ़ायदा उठा रहे हैं। इस बढ़ती समस्या से निपटने के लिए, सरकार, भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) के साथ मिलकर उपभोक्ताओं की सुरक्षा के लिए निर्णायक कदम उठा रही है। 1 नवंबर से नए नियम लागू किए जाएँगे, जिनका उद्देश्य इन धोखाधड़ी गतिविधियों पर लगाम लगाना है। आइए जानते हैं इसके बारे में पूरी डिटेल्स

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TRAI के नए उपायों के बारे में मुख्य बिंदु

समस्या की पृष्ठभूमि: स्मार्टफ़ोन के बढ़ते दुरुपयोग के साथ, कई उपयोगकर्ता फर्जी कॉल और संदेशों से जुड़े घोटालों का शिकार हो गए हैं, जिससे उन्हें वित्तीय नुकसान हुआ है।

TRAI का नया निर्णय: TRAI ने स्पैम और धोखाधड़ी वाले संचार से निपटने के लिए विशेष रूप से डिज़ाइन किए गए नए दूरसंचार नियम पेश किए हैं। इन उपायों का उद्देश्य दूरसंचार सेवाओं में उपयोगकर्ता सुरक्षा और विश्वास को बढ़ाना है।

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संदेश ट्रेसेबिलिटी का कार्यान्वयन:

1 नवंबर से, उपयोगकर्ताओं के पास अपने फ़ोन पर प्राप्त संदेशों को ट्रेस करने की क्षमता होगी।

स्पैम से जुड़े कुछ कीवर्ड की पहचान की जाएगी और अगर उनका पता चल जाता है, तो संदेश स्वचालित रूप से ब्लॉक हो जाएंगे।

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उपयोगकर्ता सशक्तीकरण:

उपयोगकर्ताओं के पास संदिग्ध संदेशों की आसानी से रिपोर्ट करने का विकल्प होगा।

अवांछित संचार को ब्लॉक करने की प्रक्रिया को अतिरिक्त सुविधा के लिए सुव्यवस्थित किया जाएगा।

दूरसंचार ऑपरेटरों की भूमिका: ट्राई ने सभी दूरसंचार कंपनियों को इन नए नियमों को तुरंत लागू करने का आदेश दिया है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उपभोक्ताओं की सुरक्षा के लिए उपायों को प्रभावी ढंग से क्रियान्वित किया जाए।

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