इंटरनेट डेस्क। वास्तु शास्त्र निर्माण और वास्तुकला से संबंधित प्राचीन भारतीय विज्ञान है। वास्तु शास्त्र के नियमों का पालन कर के आप जल, अग्नि, पृथ्वी, वायु और आकाश जैसे पंचतत्वों को संतुलित कर सकते है। ये नियम बताते हैं कि व्यापार की वृद्धि और समृद्धि के लिए किस चीज़ को कहां रखा जाना चाहिए और किन चीज़ों बचा जाना चाहिए। आज हम आपको व्यवसाय में ज्यादा लाभ कमाने के लिए कुछ आसान वास्तु टिप्स बताने जा रहे है।

यदि आप अपने ऑफिस, फैक्ट्री या किसी अन्य व्यावसायिक उद्देश्य के लिए भूमि या प्लॉट की तलाश में हैं, तो इसके लिए शेरमुखी प्लॉट का चयन करें। ये प्लॉट सामने से बड़े और पीछे से छोटे होते हैं। इसके अलावा अपना ऑफिस ऐसी जगहों पर बनाये जहाँ पर लोगों की आवाजाही अधिक हो।

अगर आपका ऑफिस उत्तर, उत्तर-पूर्व या उत्तर-पश्चिम दिशा में है तो यह आपके लिए सौभाग्य और सकारात्मक ऊर्जा लेकर आता है।

वास्तु शास्त्र के अनुसार, मुख्य भवन या ऑफिस का मुख्य प्रवेश द्वार पूर्व या उत्तर दिशा के सामने होना चाहिए। मुख्य द्वार पर ऐसी कोई भी चीज न रखें जो प्रवेश द्वार के सामने या उसके सामने बाधा उत्पन्न करती हो।

ऑफिस में स्वागत कक्ष का निर्माण हमेशा पूर्व या उत्तर-पूर्व दिशा में किया जाना चाहिए। अपने ऑफिस या दूकान के मध्य भाग को हमेशा खाली रखें।

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