इंटरनेट डेस्क। भगवान शिव को समर्पित सावन (श्रावण) का पवित्र महीना शुरू हो चुका है। शिव भक्तों के लिए यह महीना बहुत ख़ास होता है क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इस महीने के दौरान भगवान शिव को प्रसन्न करना बहुत आसान होता है। भोलेनाथ को रिझाने के लिए भक्त इस महीने उपवास रखते है, कांवड़ यात्रा निकालते है और शिवलिंग पर तरह तरह की चीज़ों की पेशकश करते है।

इस महीने के दौरान भक्त दूध, गंगाजल, शहद जैसी चीज़ों से शिवलिंग का अभिषेक करते है। शिवलिंग के अभिषेक को बहुत शुभ माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि जो भक्त शिवजी का रुद्राभिषेक करता है उसके सभी दुःख दूर होते है और सुख-समृद्धि मिलती है। लेकिन शिव जी को चढ़ाई जाने वाली इन सब चीज़ों में बेलपत्र का महत्व सबसे ज्यादा है।

सावन के महीने में शिव पूजा में शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाना बहुत जरुरी होता है। यह भगवान शिव की पवित्र चीज़ों में से एक है। बेलपत्र चढ़ाएं बिना शिवजी की पूजा अधूरी मानी है। ऐसा कहा जाता है कि बेलपत्र चढाने से शिवजी जल्दी प्रसन्न होते है और अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं जल्दी पूरी करते है।

पुराणों के अनुसार बेलपत्र में भगवान शिव की पत्नी माता पार्वती के सभी रूपों का वास होता है। बेल के पेड़ की जड़ में माता पार्वती का गिरिजा रूप, तने में माहेश्वरी रूप, शाखा में दक्षिणायनी व पत्तों में पार्वती के रूप रहती है। इसके अलावा समस्त पेड़ में माँ लक्ष्मी का निवास होता है। इसी वजह से शिव पूजा के दौरान शिवलिंग पर बेलपत्र को चढ़ाना बहुत जरुरी और शुभ माना जाता है।

शिवलिंग पर बेलपत्र हमेशा गंगाजल से धोकर ही चढाने चाहिए और इन्हें चढ़ाते समय भगवान शिव के मूल मंत्र 'ॐ नमः शिवाय:' का जाप करते रहना चाहिए।

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