पौष शुक्ल प्रतिपदा पर गुरुवार को मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाएगा। इस दिन सुबह 8 बजकर 15 मिनट पर सूर्यदेव अपने पुत्र शनिदेव की मकर राशि में प्रवेश करेंगे। मकर संक्रांति का पुण्यकाल सूर्योदय के साथ ही शुरू हो जाएगा, जो दिनभर रहेगा। लेकिन इस बात की जानकारी शायद आपको ना हो कि करीब 59 साल बाद मकर राशि में पंचग्रही योग भी बन रहा है।

मकर राशि में बुधवार को दोपहर 12.06 बजे चन्द्रमा प्रवेश करेगा। वहीं 14 जनवरी को सुबह 8.15 मिनट पर सूर्य भी मकर राशि में प्रवेश करेंगे। इससे पहले मकर राशि में बुध, गुरु और शनि पहले से ही चल रहे हैं। मकर राशि में पंचग्रही योग बनेगा। जो 15 जनवरी को शाम 5.06 बजे तक रहेगा।

वारनाम मन्दा होने से इस मास में वैज्ञानिक, विद्वजन, शिक्षाविदों को उत्साहजनक परिणाम प्राप्त होंगे। नक्षत्रनाम महोदरी होने से जनता को असामाजिक तत्वों से परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। संक्रांति का वाहन सिंह तथा उपवाहन हाथी बनेगा।

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