हिंदू धर्म में मंदिर जाकर भगवान की पूजा-अर्चना करना बेहद शुभ माना जाता है। कोई मन्नत मांगनी हो, मुंडन संस्कार हो अथवा त्योहार के मौके पर मंदिर जाना अनिवार्य माना जाता है।

भगवान के प्रति अटूट आस्था का ही यह कमाल है कि हर इंसान अपने जीवन में कभी ना कभी मंदिर जरूर जाता है। इस दौरान भक्त मंदिर की परिक्रमा करना कभी नहीं भूलते हैं। ऐसे में यह सवाल उठता है कि आखिर लोग मंदिर की परिक्रमा क्यों करते हैं।

स्टोरी में हम आपको मंदिर परिक्रमा से जुड़ी मान्यता के बारे में बताने जा रहे हैं। इतना ही नहीं मंदिर परिक्रमा से मिलने वाले पुण्य लाभ भी काफी प्रचलित हैं।

भगवान गणेश जी ने अपने माता-पिता की परिक्रमा की थी, इसलिए उन्हें विजय प्राप्त हुई थी। इतना ही नहीं वह देवताओं में प्रथम पूज्य माने गए। हिंदू धर्म में यह मान्यता है कि माता-पिता के चरणों में ही पूरी दुनिया है। भगवान को मां-बाप समझकर परिक्रमा करने से भगवान हमेशा उस व्यक्ति का साथ देते हैं।

परिक्रमा लगाने से धन अभाव का सामना नहीं करना पड़ता है
मान्यता है कि परिक्रमा लगाने से आर्थिक स्थिति मजबूत होती है। जातक को कभी भी धन की कमी नहीं होती है। भगवान का आशीर्वाद मिलता है।

परिक्रमा लगाने से तरक्की होती है
मान्यता है कि जो भी इंसान भगवान की परिक्रमा करता है, उसकी दिन दोगुनी और रात चौगुनी तरक्की होती है। इसलिए हर किसी को भगवान की परिक्रमा ज़रूर करनी चाहिए।

परिक्रमा से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है
हिंदू धर्म में यह मान्यता है कि जो भी इंसान मंदिर की परिक्रमा लगाता है, उसके घर से नकारात्मक ऊर्जा हमेशा के लिए चली जाती है तथा सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश होता है। जिससे घर मेें सुख-समृद्धि बनी रहती है।

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