अगर बंदूकों की बात की जाए तो राइफल की कोई तोड़ नही हैं। लेकिन जनाब पिस्टल की भी अपनी एक अलग पहचान होती है। आज में आपको दुनिया की एक ऐसी मशहूर पिस्टल के बारे में बताने जा रहा हूं, जिसे पुलिस हो या फौजी या फिर हर रसूखदार शख्स अपने पास रखना चाहता है। जी हां सही अनुमान लगाया आपने, इस पिस्टल का नाम है- ग्लोक 17। बता दें कि दूसरे विश्व युद्ध के बाद दुनिया के कई ताकतवर देशों के प्रसिद्ध हथियार बेकार पड़ गए थे, ऐसे में अब इन हथियारों को अपग्रेड करने की जरूरत पड़ी। इसी क्रम में ऑस्ट्रिया की सेना को युद्ध के बाद से ही एक बढ़िया पिस्टल की खोज थी। इसी बीच गैस्टन ग्लोक ने सेना के लिए एक अच्छी पिस्टल बनाने की योजना बनाई।

हांलाकि गैस्टन ग्लोक सेना के लिए केवल चाकू और गोलियां रखने की बेल्ट बनाते थे। लेकिन एक शानदार पिस्टल बनाकर वे पूरी तरह से हथियारों में कारोबार में उतरना चाहते थे।
फिर क्या था, गैस्टन ग्लोक ने कुछ हथियार एक्सपर्ट्स को एकत्र किया। उन्होंने उनसे कहा कि एक ऐसी पिस्टल बनाएं, जिसका इस्तेमाल हर जगह की जा सके। इसके बाद इस टीम ने मात्र 3 महीने के अंदर 9 एमएम की ग्लोक पिस्टल तैयार कर दी। जब ग्लोक 17 पिस्टल की टेस्टिंग की गई तो इस पिस्टल बनाने वाली टीम को भी अंदाजा नहीं था कि उन्होंने कितनी शानदार पिस्टल बनाई है।

जब गैस्टन ग्लोक ने अपनी बनाई पिस्टल ग्लोक 17 ऑस्ट्रिया की सेना को दी तो सभी हैरत में पड़ गए कि इससे पहले ऐसी बंदूक किसी ने नहीं देखी थी। इस पिस्टल की सबसे बड़ी खासियत यह थी कि इसके मैगजीन में 17 गोलियां रख सकती थी। यह एक सेमी सेमी-ऑटोमेटिक पिस्टल थी। पॉलीमर से बनने के कारण यह पिस्टल वजन में बिल्कुल हल्की, आसानी से पकड़े जाने वाली और गर्म से गर्म वातावरण को सहने वाली पिस्टल बन गई। सबसे बड़ी बात कि यह पिस्टल इतनी फेमस हो गई कि अमेरिका की नजर भी इस पर पड़ी। इसके बाद 1988 में ग्लोक 17 अमेरिका में चली गई। उन दिनों अमेरिका में ड्रग्स का कारोबार तेजी से बढ़ रहा था, ऐसे में अमेरिकी पुलिस को उनसे लड़ने के लिए एक अच्छी पिस्टल चाहिए थी। इसका निशाना इतना अचूक था कि ग्लोक 17 की किस्मत ही खुल गई। अमेरिकी पुलिस से लेकर सेना तक हर किसी ने इस दमदार पिस्टल की डिमांड की। आज की तारीख में भी यह दुनिया की सबसे ताकतवर पिस्टल में शुमार की जाती है।

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