यह है हिन्दू धर्म में जया-पार्वती व्रत का महत्व
इंटरनेट डेस्क। दोस्तों आपको बात दे की व्रत रखने के नियम दुनिया को हिंदू धर्म की देन है। हिंदू धर्म में व्रत रखने के कई नियम है और इसका बहुत ही महत्व है। व्रत रखना एक पवित्र कर्म है और यदि इसे नियम पूर्वक नहीं किया जाता है तो न तो इसका कोई महत्व है और न ही लाभ अलबत्ता इससे नुकसान भी हो सकते हैं। ऐसे दोस्तों आपको बता दे की हर साल आषाढ़ शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी को जया पार्वती व्रत किया जाता है।
आपको बता दे की इसे विजया-पार्वती व्रत के नाम से भी जाना जाता है और खास तौर पर ये मालवा क्षेत्र में किया जाता है. जैसा कि नाम से ही ज्ञात हो रहा है कि ये माँ पार्वती को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है। बता दें, इस साल यह व्रत 24 से 31 जुलाई के बीच मनाया जाएगा।
दोस्तों आपको बात दे की ये व्रत भी गणगौर, हरतालिका, मंगला गौरी और सौभाग्य सुंदरी व्रत की तरह है जो महिलाएं अपने अखंड सौभाग्य के लिए करती हैं और माँ पार्वती से अपने पति की लम्बी उम्र के लिए वरदान मांगती है। कहीं एक दिन के लिए तो कहीं 5 दिनों तक इसे मनाया जाता है। इसमें बालू रेत का हाथी बना कर उन पर 5 प्रकार के फल, फूल और प्रसाद चढ़ाए जाते हैं।
दोस्तों आपकी जानकारी के लिए बता दें इस व्रत में नमक का खाना मना है और गेहूं का आटा, सभी तरह की सब्जियां भी नहीं खानी चाहिए। इस व्रत को पूर्ण करने के लिए आप फल, दूध, दही, जूस, दूध से बनी मिठाई का सेवन कर सकते है।