जिस समय चंद्रयान 2 से अलग होकर विक्रम लैंडर चंद्रमा की सतह की ओर बढ़ रहा था। वह आखिरी 15 मिनट इसरो सहित पूरे देश के लिए बेहद अहम थे। विक्रम के इन्हीं 15 मिनटों को इसरो ने दहशत का समय बताया था, और किस तरह से 15 मिनट तक पुरे देश वासियों की नज़र टीवी स्क्रीन पर टिकी थी।


विक्रम लैंडर ने योजना के तहत शनिवार रात 1.38 बजे चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग की कोशिश शुरू की। अगले 10 मिनट में उसने पहला चरण पूरा किया। वह 30 किमी की ऊंचाई से 7.4 किमी की ऊंचाई पर पहुंच गया। इसरो ने इसके लिए जो ट्रेजेक्टरी तय किया था, वह बिल्कुल उस पर सटीक चला। अगले 38 सेकंड में उसे 5 किमी की ऊंचाई तक आ जाना था।

इस बीच विक्रम लैंडर की फाइन-ब्रेकिंग भी शुरू हो गई। कुछ सेकंड के लिए लैंडर बिल्कुल उलटा हो गया, और जैसे ही विक्रम लैंडर से संपर्क टूटा, खामोशी छा गई। आखिरी 15 मिनटों की खुशियां एक पल में टूट गई।

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