शनिदेव को न्याय के देवता कहा जाता है। इसलिए शनिवार का दिन उन्ही को समर्पित है। शनिदेव हमें अपने अच्छे बुरे कर्मों के लिए सजा देते हैं। शनि की कठोर दृष्टि एक बार किसी पर पड़ जाती है तो उसे शनि की ढैय्या या साढ़े साती कहा जाता है।

शनि किसी एक राशि में करीब ढाई वर्षो तक रहते हैं। इस प्रकार से शनि किसी एक राशि में रहने के बाद दोबारा 30 वर्षो के बाद लौटकर आते हैं। लेकिन अगर आप पर शनि देव की छाया है तो आपको घबराने की जरूरत नहीं। आप कुछ ऐसे काम कर सकते हैं जिस से शनि देव प्रसन्न होते हैं और आप पर हमेशा अपनी कृपा बरसाएंगे।

जानकारी के लिए बता दें कि शनिदेव को आक के फूल काफी पसंद होते हैं। शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए सरसों के तेल साथ आक के फूल भी अर्पित कर उनका आशीर्वाद लेना चाहिए।

शनिवार के दिन साबुत दाल और तिल का दान करने से शनि के दोष से छुटकारा मिलता है। इसे मदार का फूल भी कहा जाता है।

हनुमान जी भी शनिदेव को बहुत प्रिय है। शनिवार के दिन हनुमान जी की पूजा करने से भी शनिदेव प्रसन्न होते हैं। शनिवार के दिन शनि देव के साथ साथ हनुमान जी की पूजा करनी चाहिए।

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