बता दें कि ताजिकिस्तान में भारत के दो एयर बेस हैं। एक आयनी और दूसरा फारखोर में। ये दोनों एयरबेस इतने महत्वपूर्ण हैं कि इनसे भारत अपने पड़ोसी देशों से मिल रही चुनौतियों से निपट सकता है। दअसल ताजिकिस्तान की सीमा अफगानिस्तान, पाक अधिकृत कश्मीर तथा चीन के बिल्कुल नजदीक है।

ताजिकिस्तान और पीओके की बीच की दूरी सिर्फ 16 किमी है। मतलब साफ है इंडियन एयरफोर्स केे लड़ाकू विमान चंद मिनटों में ही पाकिस्तान पहुंच सकते हैं। सियाचिन यहां से बहुत करीब है, इसलिए आयनी और फारखोर एयरबेस को सियाचिन का वॉचटॉवर कहा जाता है।

बता दें कि आयनी एयरबेस पर इंडिया और ताजिकिस्तान के बीच मिलिट्री सहयोग पिछले 13 सालों से जारी है। आयनी एयरबेस को अत्याधुनिक बनाने में भारत साल 2002 से लेकर 2010 तक करीब 7 करोड़ डॉलर खर्च कर चुका है। जहां तक फारखोर एयरबेस की बात है, भारत ने यहां छोटा मिलिट्री हॉस्पिटल भी शुरू किया है। जहां तालिबान से लड़ाई में घायल अफगान नॉर्दन एलायंस के जवानों का इलाज किया जाता था।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इंडियन एयरफोर्स ने यहां मिग-29 की दो स्क्वाड्रन तैनात कर रखी है। भारत की ताजिकिस्तान में सेना की तैनाती का पाकिस्तान कई बार विरोध भी दर्ज करा चुका है।

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