भारत के युद्ध मे एक से बढ़कर महावीर योद्धाओं ने भाग लिया था। जैसा कि हम सभी जानते है अर्जुन सबसे बड़े धनुर्धर थे लेकिन आज हम आपको तीन उन योद्धाओं के बारे में बताने जा रहे है जो अर्जुन से कही अधिक शक्तिशाली और पराक्रमी थे।

महाभारत का युद्ध एक ऐसा युद्ध था जिसमे बड़े बड़े योद्धाओं ने भाग लिया था। इसमें कई शक्तिशाली योद्धा थे और एक से बढ़ कर एक धुरंदर थे। अर्जुन को इस युद्ध में सबसे शक्तिशाली माना जाता था लेकिन आज हम आपको ऐसे 3 योद्धाओं के बारे में बताने जा रहे हैं जो कि अर्जुन से भी ज्यादा ताकतवर और बलशाली थे। आइए जानते हैं इनके बारे में।

1 - कर्ण


सूर्य पुत्र कर्ण को विद्या स्वयं परशुराम जी ने दी थी। उनके पास कई ऐसी शक्तियां थी जो अर्जुन के पास नहीं थी। भगवान कृष्ण को भी ये ज्ञात था कि जब तक कर्ण के पास कवच और कुंडल है तब तक उन्हें कोई हरा नहीं सकता है जबकि वे युद्ध में कई लोगों को परास्त कर सकते हैं। इस कारण श्रीकृष्ण के कहने पर ही इंद्रदेव ने उनसे वही कवच और कुंडल दान में मांग लिए थे।

2 - एकलव्य


एकलव्य अत्यंत गरीब भील पुत्र था लेकिन उनका निश्चय और संकल्प काफी कड़ा था। उनकी जाति की वजह से द्रोणाचार्य ने उन्हें अपना शिष्य बनाने से मना कर दिया था। तब एकलव्य ने द्रोणाचार्य की एक प्रतिमा बनाई और उसके सामने ही धनुर्विधा का अभ्यास किया और ऐसे ही वे तीरंदाजी में माहिल हो गए। एकलव्य अर्जुन से कहीं अधिक कुशल योद्धा था।

3 - बर्बरीक


बर्बरीक भीम के पौत्र और घटोत्कच अहिलावटी के पुत्र थे। युद्ध भी जाने से पूर्व बर्बरीक से कहा था कि उसकी ओर से युद्ध करना जिसकी ओर से पराजय हो रही हो। बर्बरीक के पास तीन ऐसे बाण थे जिनसे पूरा युद्ध समाप्त हो सकता था। अर्जुन चाह कर भी बर्बरीक को रोक नही सकते थे।

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