स्थायी खाता संख्या (पैन) कार्ड एक विशिष्ट पहचान है, जो किसी भी प्रकार के वित्तीय लेनदेन में बहुत महत्वपूर्ण है। पैन कार्ड में अल्फ़ान्यूमेरिक 10 अंकों की संख्या होती है, जो आयकर विभाग द्वारा निर्धारित की जाती है। यह प्रक्रिया केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के अंतर्गत आती है। आयकर रिटर्न दाखिल करने के लिए भी पैन महत्वपूर्ण है।

आपको पता होना चाहिए कि पैन कार्ड आपके लिए क्यों जरूरी है। आधार टैक्स रिटर्न फाइलिंग के दौरान, आपका आधार पैन से जुड़ा होना चाहिए। आयकर विभाग के मुताबिक, बैंक ड्राफ्ट, पे ऑर्डर या एक दिन में 50,000 रुपये या उससे अधिक के बैंकर्स चेक की नकद खरीद के लिए पैन कार्ड देना होगा।

अगर आपके पास दो पैन कार्ड हैं और आप जांच के दौरान पकड़े जाते हैं तो आप पर 10,000 रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। इसके अलावा आपका बैंक अकाउंट फ्रीज भी हो सकता है। इससे बचने के लिए आपको दूसरा पैन कार्ड तुरंत विभाग को जमा करना होगा। इसके लिए आयकर अधिनियम 1961 की धारा 272बी में भी प्रावधान है।

अपना पैन जमा करने की प्रक्रिया सरल है। यह विभिन्न तरीकों से किया जा सकता है। आप वेबसाइट पर जाकर और "Request for New PAN Card or/and Change or Correction in PAN Data" लिंक पर क्लिक करके पैन कार्ड जमा करने के लिए फॉर्म का उपयोग कर सकते हैं। फॉर्म भरें और इसे किसी भी एनएसडीएल कार्यालय में वापस कर दें।

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