चालू वित्त वर्ष 31 मार्च को खत्म होने जा रहा है। आगामी 1 अप्रैल 2022 से नया वित्तीय वर्ष 2022-23 शुरू हो जाएगा। नए वित्त वर्ष में पैसों से जुड़े कई बदलाव होने वाले हैं। जी हां और इन बदलावों का असर आम लोगों से लेकर अमीरों तक की जेब पर पड़ने वाला है। इस वजह से नया वित्तीय वर्ष शुरू होने से पहले आप इन सभी नए बदलावों की जानकारी ले लें ताकि आपको किसी भी तरह का आर्थिक नुकसान न हो. 1 अप्रैल से जो बदलाव होने जा रहे हैं उनमें पोस्ट ऑफिस स्कीम, बैंकिंग और निवेश से जुड़े बदलाव शामिल हैं। मैं आपको बता दूँ।

डाकघर योजना में बदलाव- 1 अप्रैल से कुछ डाकघर योजनाओं के नियमों में बदलाव किया जा रहा है। 1 अप्रैल से लागू नियमों के तहत अब ग्राहकों को सावधि जमा खाता, वरिष्ठ नागरिक बचत योजना और मासिक आय में निवेश करना होगा। खाता खुलवाना है। छोटी बचत में जमा राशि पर अर्जित ब्याज अब डाकघर के बचत खाते या बैंक खाते में जमा किया जाएगा। जिसके साथ ही पहले से मौजूद बैंक खाते या डाकघर खाते को डाकघर के छोटे बचत खाते से जोड़ना भी अनिवार्य कर दिया गया है।

क्रिप्टोकरेंसी पर टैक्स- 1 अप्रैल, 2022 से सभी तरह के वर्चुअल डिजिटल एसेट्स, जिनमें क्रिप्टोकरेंसी, मुनाफे के लिए बेचे जाने वाले एनएफटी शामिल हैं, पर 30 फीसदी टैक्स लगेगा। जी हां और इसके अलावा जब भी कोई क्रिप्टो एसेट बेचा जाएगा तो 1 फीसदी टीडीएस भी काटा जाएगा। घोषणा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस साल अपने केंद्रीय बजट भाषण के दौरान की थी।

महंगी होंगी दवाएं- 1 अप्रैल से 800 से ज्यादा जरूरी दवाएं हो जाएंगी महंगी दरअसल दर्द निवारक से लेकर एंटीबायोटिक दवाएं महंगी होने वाली हैं। अनुसूचित दवाओं के मूल्य में 10.7 प्रतिशत तक की वृद्धि को मंजूरी दी है।

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