ये हैं भारत के 5 कमांडोज फोर्सेज, जिसका नाम सुनते ही दुश्मन का दिल दहल जाता है
हर देश की अपनी अलग फोर्सेज होती है, लेकिन आम सैनिकों से अलग कमांडोज को स्पेशल मिशन्स के लिए तैयार किया जाता है। इनकी ट्रेनिंग बहुत ही कठिन होती है, भारत में कई तरह के कमांडोज फोर्सेज हैं जो दुनियाभर में अपनी काबिलियत के लिए मशहूर हैं। आइए जानते हैं भारत के 5 कमांडो फोर्सेज की खूबियों के बारे में।
1. पैरा कमांडोज: ये सेना की सबसे प्रशिक्षित कमांडोज माने जाते हैं। 29 सितंबर 2016 को भारत द्वारा पाक अधिकृत कश्मिर के आतंकी कैंपों पर सर्जिकल सट्राइक पैरा कमांडोज ने ही की थी. 3000 फीट से भी ऊपर की ऊंचाई से छलांग लगाने में एक्सपर्ट इस फोर्स ने देश-विदेश में कई कामयाब ऑपरेशन्स को अंजाम दिया है।
2. मारकोस: इंडियन नेवी की स्पेशल फोर्स मारकोस, यूएस सील कमांडोज के बाद दुनिया की एकमात्र ऐसी फोर्स है जो पूरे हथियारों के साथ पानी के भीतर ऑपरेशन्स को अंजाम दे सकती है, इसका गठन 1987 में किया गया था. बारत में कुल 1200 मारकोस कमांडोज हैं।
3. गरूड़ कमांडोज: यह कमांडोज भारतीय वायु सेना की स्पेशल फोर्स के हिस्सा हैं. 2000 कमांडोज की क्षमता वाली इस फोर्स का हर कमांडो अत्याधुनिक हथियारों से लैस रहता है. यह वायुक्षेत्र में ऑपरेशन्स को अंजाम देने में माहिर होते हैं. हवाई आक्रमण करने, स्पेशल कॉम्बेट और रेस्क्यू ऑपरेशन्स के लिए इन्हें खास ट्रेनिंग दी जाती है।
4. घातक: कहा जाता है कि घातक फोर्स क जवान इतने शक्तिशाली होते हैं कि एक जवान दुश्मन सेना के 20 सैनिकों को धूल चटान के लिए प्र्याप्त होता है , युद्ध के वक्त बटालियन के आगे चलने वाली भारतीय सेना की स्पेसल कंपनी गातक तोपखानों को नष्ट करने में माहिर होते हैं।
5. कोबरा: 2008 में गठित इस पैरामिलेट्री कमांडोज फोर्स को मुख्य रूप से गोरिल्ला युद्ध के लिए तैयार किया गया है, भारत के नक्सल प्रभावित क्षेत्रो में यह कमांडोज अपनी सेवाएं देते आए हैं, ये विश्व की सबसे बेहतरन पैरामिलेट्री फोर्सेज में से एक हैं।