संकटमोचन हनुमान जी की पूजा हम में से बहुत से लोग करते हैं। ये हर हिन्दू के घर में सबसे ज्यादा पूजे जाने वाले देवताओं में से एक है। सभी हनुमान जी की पूजा कर के उनसे शुभ फल की कामना करते हैं। इस से वे अपने भक्तों से प्रसन्न हो कर उनकी सारी मुसीबतों का नाश करते हैं और उनकी मनोकामनाएं भी पूरी करते हैं। लेकिन हनुमान जी की पूजा के कुछ नियम होते है जिनका आपको ध्यान रखना चाहिए और इनके लाभ के बारे में भी आपको विस्तार से जान लेना चाहिए।

कब करें हनुमान जी की साधना
हनुमान जी की साधना को लेकर बहुत से लोग ये मानते हैं कि महिलाओं को हनुमान जी की पूजा नहीं करनी चाहिए या फिर प्रातः के ‘ सवा प्रहर ‘ पूजा नहीं करना चाहिए. जबकि ऐसा किसी भी शास्त्र या पुराण में नहीं लिखा ह। इसी तरह महिलाओं को भी हनुमान जी की पूजा करनी चाहिए


हनुमान जी की पूजा के नियम
हनुमान जी की पूजा मंगलवार के दिन से शुरू करना सबसे अच्छा होता है।
जब तक हनुमत साधना या अनुष्ठान चले, साधक स्त्री संसर्ग न करें।
हनुमान जी की मूर्ति को जल से और पंचामृत से स्नान कराने के बाद उन्हें तेल के साथ सिंदूर चढ़ाया जाना चाहिए।
हनुमान जी को लाल फूल अतिप्रिय है। इसलिए आपको उनकी पूजा करते समय लाल रंग के फूल जैसे गुड़हल, गुलाब आदि चढ़ाने चाहिए।
हनुमान जी जी को प्रसाद में गुड़ और गेंहू की रोटी का चूरमा आदि चढ़ा सकते हैं.
हनुमान जी की उपासना में चरणामृत का प्रयोग नहीं किया जाता।
हनुमान जीकी उपासना में दक्षिण दिशा की तरफ मुँह कर के ही मन्त्र का जाप करना चाहिए।


हनुमान जी की पूजा के लाभ

हनुमान जी की पूजा करने से साधक को बल, बुद्धि, शक्ति, मिलती है।
इस से मन का अहंकार समाप्त होता है और अच्छे ख्याल ही मन में रहते हैं।
हनुमान जी दीन दुखियों का दुःख हरते हैं और उनकी हर मनोकामना पूरी करते हैं। ;
हनुमत साधना से समस्त लौकिक व पारलौकिक सुख प्राप्त होते हैं।

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