अखरोट खाने से होते हैं चौंका देने वाले गजब के फायदे, डिप्रेशन के खतरे को भी करता है कम
प्रकृति में ऐसे कई पदार्थ पाए जाते हैं जिनके फायदे अनगिनत है और यह हर तरह के बीमारी को भी बहुत तेजी से दूर भी कर देते है। इन्ही में से एक प्राकृतिक की देन अखरोट है। वैसे तो इसके कई फायदे देखे गए है। लेकिन अमेरिका में किए गए एक शोध से पता चला है कि यदि कोई व्यक्ति अखरोट खाता है तो उसे अवसाद का खतरा कम हो जाता है और इसके साथ ही उसकी एकाग्रता का स्तर भी पहले से अधिक बढ़ जाता है। कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिको ने यह देखा कि अखरोट खाने वाले व्यक्तियो में यह देखा गया कि इनमें अवसाद का स्तर 26 प्रतिशत तक कम हो जाता है। जबकि इस तरह की अन्य चीजो को खाने वालों व्यक्तियो में अवसाद का स्तर 8 प्रतिशत तक कम हो जाता है।
आपकी जानकारी के लिए आपको बता दे कि इस शोध को न्यूट्रेंट जर्नल में प्रकाशित किया गया है। इसके साथ ही रिसर्च में यह पाया गया कि अखरोट खाने से शरीर में ऊर्जा का स्तर पहले से ज्यादा बढ़ जाता है और इससे एकाग्रता भी पहले से बेहतर हो जाती है। इसके साथ ही यह भी देखा गया कि शोध में यह शामिल हुआ कि हर एक युवा अपने जीवन में एक समय पर डिप्रेशन का शिकार हो ही जाता है।
ऐसे में अखरोट बहुत ही फायदेमंद इन लोगो के लिए यह डिप्रेशन से भी निकलने का काम करती है। शोध में यह भी प्राप्त हुआ कि अखरोट से हृदय के रोगों , डिप्रेशन व अवसाद जैसे कई लक्षण को दूर कर सकते है। आपको बता दे कि इस रिसर्च में 26 हजार से अधिक अमेरिकी युवाओं को शामिल किया गया था। अखरोट के सेवन से कैंसर, हृदय और कुछ अन्य बीमारियों के खतरे को कम भी किया जा सकता है। क्योंकि अखरोट के सेवन से कोलेस्ट्रल कम होता है, जिससे आपके दिल से जुड़ी बीमारियां कम हो जाती है। अतः इसके सेवन से आपके शरीर की कैलोरी भी कम होने लगती है।
सिर्फ इतना ही नहीं बल्कि आपको यह भी पता होना चाहिए की आमतौर पर कई बार ऐसा होता है की पुरुषों की शुक्राणु संख्या एक बड़ी समस्या मानी जाती है और वैज्ञानिकों का यह भी कहना है कि यदि मुट्ठी भर अखरोट का सेवन करते है तो इससे शुक्राणुओं के स्तर को भी बढाया जा सकता है। एक रिसर्च के आधार पर यह भी पता चला कि रोजाना 75 ग्राम अखरोट के सेवन करने से 21 से 35 साल के आयु वर्ग के स्वस्थ पुरुषों के समूह में शुक्राणुओं की जीवन-शक्ति, गतिशीलता और सामान्य आकृति में सुधार होता है। अखरोट केवल अकेला ही एक ऐसा मेवा है, जो पौधा आधारित ओमेगा-3 फैटी ऐसिड-अल्फा-लिनोलेनिक एसिड का एक बेहतरीन स्रोत है।