आयुर्वेद में बहुत से ऐसे घरेलु इलाज का जिक्र है जिसके बारे में हम कम जानते है, वैसे आज हम आपको ऐसे बीमारी के बारे में बताएँगे जिसका बहुत ही सरल इलाज देसी गाय का गौ मूत्र, हम जिस बीमारी के बारे में बात कर रहे है वो बीमारी है , टी. बी. की। आयुर्वेद के अनुसार देसी गाय का "गौ मूत्र" एक संजीवनी है।

गोमूत्र में कार्बोलिक एसिड, यूरिया, फाॅस्फेट, यूरिक एसिड, पोटैशियम और सोडियम होता है। जब गाय का दूध देने वाला महिना होता है तब उस के मूत्र में लेक्टोजन रहता है, जो ह्दय और मस्तिष्क के विकारों के लिए फायदेमंद होता है।

गौमूत्र का नाम सुनकर आप लोग अपनी नाक-भौं सिकोड़ लिए होंगे लेकिन सच यह है कि गौ मूत्र का प्रयोग कई दवाइयों में भी किया जाता है। विश्व की तमाम दवा निर्माता कंपनिया आज इस पर काफी शौध कर रही हैं।

गौमूत्र का असर गले के कैंसर पर आहार नली के कैंसर पर पेट के कैंसर पर बहुत ही अच्छा है। शरीर में जब करक्यूमिन नाम के तत्व की कमी होती है। तभी शरीर में कैंसर का रोग आता है। गौमूत्र में यही करक्यूमिन भरपूर मात्रा में है।

टी.वी. की बीमारी में डाट्स की गोलियों का असर गौमूत्र के साथ 20 गुना बढ़ जाती है अर्थातृ सिर्फ गौमूत्र पीने से टी.वी. 3 से 6 महीने में ठीक होती है। गोमूत्र से ठीक हुई टी.वी. दुबारा उस शरीर में नहीं आती है।

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