दोपहर में सोने की आदत डाल देगी आपको भारी परेशानी में, जानिए कहां तक आ सकते हैं गंभीर परिणाम
गुजरात में दोपहर में सोने का एक अनोखा चलन है। इसमें भी सौराष्ट्र के कुछ इलाके दोपहर की झपकी लेने के लिए काफी मशहूर हैं। लगता है दोपहर में सोना उनकी आदत हो गई है। अगर आप दोपहर के समय किसी शहर में जाएंगे तो आपको लगेगा कि आप किसी सुनसान जगह पर हैं। जी हाँ ज्यादातर लोग दोपहर को सोना पसंद करते हैं। खाना खाने के बाद अच्छी नींद हर किसी को पसंद होती है। दोपहर में सोने की बात करें तो खासतौर पर महिलाएं दिन भर काम करने के बाद दोपहर में ही सो जाती हैं।
लेकिन सिर्फ विज्ञान में ही नहीं, हमारे शास्त्रों में भी कहा गया है कि दोपहर में सोना जीवन में एक दोष है। इसलिए इस समय नहीं सोना चाहिए। शास्त्रों में कहा गया है कि जब ऊर्जा देने वाला सूर्य जाग्रत होता है तो हमारे लिए ऐसी अवस्था में सोना उचित नहीं होता। वहीं, स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि दोपहर के समय सोने से खाना पचाने में मदद नहीं मिलती है। इससे कब्ज, गैस और अपच हो सकता है। इसके अलावा मोटापे और मधुमेह का खतरा भी बढ़ जाता है।
टोक्यो विश्वविद्यालय ने अपने अध्ययन में कहा है कि जो लोग दोपहर में एक घंटे से अधिक सोते हैं, उनमें टाइप 2 मधुमेह विकसित होने का 45 प्रतिशत जोखिम होता है। शोध से पता चला है कि 60 मिनट से अधिक सोना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। हालांकि, जो लोग 40 मिनट से कम की नींद लेते हैं, उन्हें मधुमेह होने का खतरा नहीं होता है।
अगर आपको रात में नींद नहीं आती है तो आपको दिन में सोने से बचना चाहिए। विशेषज्ञों का मानना है कि 50 प्रतिशत लोगों को दिन में सोने से कोई फायदा नहीं होता है। इन लोगों में एक सर्कैडियन लय होती है। शरीर में मौजूद सर्कैडियन रिदम बताता है कि कब सोना है, कब उठना है। यह दिखाता है कि आपको नींद की जरूरत है या नहीं। अगर आप बहुत थके हुए हैं तो आप सो सकते हैं।