वो दौर जब महिलाओं के स्तन ढकने पर लगता था टैक्स, पढ़ें काले दौर के बारे में
आज के समय में समाज में महिलाओं को हक मिलने लगा हैं और महिलाऐं भी पुरुषों के साथ कदम से कदम मिलाकर आगे बढ़ रही हैं। वर्तमान समय में महिलाओं की स्थिति पहले के समय से काफी बेहतर हैं। प्राचीन समय में महिलाएं घर की चार दीवारी तक ही सिमित रहती थी। प्राचीन समय में महिलाओं को कई कुप्रथाओं का शिकार होना पड़ता था। जिसमें से एक कुप्रथा के बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं।
हम बात कर रहे हैं 19वीं सदी के दौर की। उस दौरान दक्षिण भारत में महिलाओं के स्तन ढकने पर पाबंदी थी। इस प्रथा से बाहर निकलने के लिए स्त्रियों को काफी कड़े संघर्ष से गुजरना पड़ा था। यहां की महिलाएं भी काफी शिक्षित होती हैं।
उस दौरान गौर करने वाली बात थी, कि ब्राह्मण, क्षत्रिय, नम्बोदिरी और नैय्यर जाति की औरतों को घर से बाहर निकलने पर अपने शरीर के ऊपर के हिस्से को ढक कर चलने की इजाजत थी। लेकिन दलित महिलाएं अगर अपने शरीर के ऊपरी हिस्से को ढक कर चलती थीं तो उन्हें यहां ‘Mulakkaram’ नाम का ब्रेस्ट टैक्स भरना पड़ता था।