हमारा देश धर्म व संस्‍कृति से भरा हुआ है यही कारण है कि यहां पर लोग आज भी धर्म व संस्‍कृति को लेकर चलते हैं। वहीं आपको ये भी बता दें कि लोग कई देवी देवताओं की पूजा कई अनेक रूपों में करते हैं जिनमें से एक है मर्यादा पुरूषोतम राम। हिन्दू धर्म में भगवान विष्णु ने दस अवतार लिए थें जिसमें से भगवान राम सातवें अवतार हैं।

राम का जीवनकाल एवं पराक्रम महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित संस्कृत महाकाव्य रामायण के रूप में वर्णित हुआ है। गोस्वामी तुलसीदास ने भी उनके जीवन पर केन्द्रित भक्तिभावपूर्ण सुप्रसिद्ध महाकाव्य श्री रामचरितमानस की रचना की है। इन्हें पुरुषोत्तम शब्द से भी अलंकृत किया जाता है।

हम सभी जानते हैं कि भगवान श्री राम का जन्म अयोध्या में हुआ था और उनके पिता श्री दशरथ के दो पुत्र और भी थे जिनका नाम था भरत और लक्ष्मण। बता दें कि भगवान श्री राम को शादी के बाद 14 साल का वनवास दिया गया था,जो कि उनकी सौतेली माता कैकेयी ने दिलवाया था। 14 साल के वनवास से लौटने के बाद भगवान राम को फिर से अयोध्या का राजपाठ दिया गया था।

हम सभी ये तो जानते ही है कि भगवान श्रीराम के दो पुत्र लव कुश थें लेकिन क्‍या आपको पता है कि इसके बाद भी उनके कई वंश आगे बढ़ते गए जी हां आपको शायद यकीन न हो रहा हो लेकिन ये सत्‍य है। आज हम आपको उनके वंशज के रूप में एक ऐसे परिवार से मिलाने वाले हैं जो दावा करते हैं कि वो भगवान राम के वंशज है ये परिवार जयपुर राजघराने में रह रहा है। आजादी के बाद जयपुर में उनका वंशज बड़ी शानो शौकत से विराजमान है।

हमारे देश में कई राजा महाराजा मौजूद हैं और उनकी राजशाही भी वैसी ही है ये परिवार भी राजशाही परिवार है जो भगवान राम के वंशज होने का दावा करता है। लोग भी इनकी शान शौकत के कारण आज भी इन्‍हे राजा मानते हैं।

जिस परिवार की बात हम कर रहे हैं वो जयपुर में स्थित हैं वो और कोई नहीं बल्कि जयपुर की महारानी पद्मिनी देवी है। इस परिवार ने एक अंग्रेजी चेंनल की इंटरव्यू में बताया कि वो राम के वंशज है।

इतना ही नहीं उन्‍होने बताया कि उनका परिवार राम के बेटे कुश का वंशज है। उनके पति और जयपुर के पूर्व महाराज भवानी सिंह कुछ के 309वे वंशज हैं। वे आज भी प्राण जाए पर वचन ना जाए की रीत निभाते हैं।

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