भारत में कई सांस्कृतिक स्थल मौजूद है जिनकी अपनी पहचान है भारत आस्था का केंद्र है और भारत में से कई जगह है जहां आस्था का एक अलग और अनूठा संगम देखने को मिलता है भारत के अलग-अलग कोने में अलग-अलग जगह मौजूद है जहां घूमने का लुत्फ उठा सकते हैं और आस्था के केंद्र के बारे में आज हम आपको बताने वाले हैं जहां की कहानी बेहद रोचक है।

भारत माता मंदिर, वाराणसी


वाराणसी में बेहद आस्था का मंदिर मौजूद है जिसे भारत माता मंदिर के नाम से जाना जाता है भारत मां के प्रति लोगों की आस्था को देखते हुए मंदिर है देश के सबसे अनोखे मंदिर में शामिल है मंदिर के बनने की बात करें तो इसका निर्माण 1936 में हुआ और स्वतंत्रता सेनानी बाबू शिव प्रसाद गुप्ता ने इस मंदिर का निर्माण किया था जिसकी खास बात यह है कि यहां पर भारत का मानचित्र मौजूद है यहां भारत का नक्शा है स्वतंत्रता से पहले बने इस मंदिर में अविभाजित भारत का नक्शा मौजूद है जिसमें आपको पाकिस्तान अफगानिस्तान बलूचिस्तान म्यांमार बांग्लादेश दिखाई देगा।

मलंदा दुर्योधन मंदिर, केरल


केरल में मौजूद के मंदिर बेहद खास शहै यह मंदिर दुर्योधन को समर्पित है इसके अलावा इसमें कोई गर्भ ग्रह मूर्ति स्थापित नहीं की गई यहां केवल उठा हुआ मंच है जिससे मंडपम कहा जाता है बता दे मंदिर की मान्यता है कि पांडव निर्वासन में थे तब दुर्योधन केरल के दक्षिण के जंगल में उनकी खोज पाए दुर्योधन कोल्लम पहुंचे तो वहां पर कुर्बान समुदाय के का छूट बूढ़ी स्त्री ने उन्हें पानी पिलाया तब वहां के लोगों से कामना की और वहां के ग्रामीणों को खेती की जमीन का टुकड़ा दान में दिया ऐसा कहा जाता है कि इस मंदिर का निर्माण प्रार्थना और ध्यान में बैठे थे।

भैरव मंदिर या व्हिस्की देवी मंदिर

मध्यप्रदेश में मौजूद इस मंदिर के बारे में बेहद खासियत है आपको हैरत होगा कि यहां मंदिर में प्रसाद के रूप में मूर्ति को मिठाई और फल भेंट किए जाते हैं इस मंदिर में प्रसाद के रूप में कुछ और ही चढ़ाया जाता है बाबा काल भैरव के मंदिर बेहद अनूठा है यहां भगवान को प्रसाद के रूप में शराब चढ़ाई जाती है बताया जाता है कि वर्षों पहले यहां पंचम कार तांत्रिक अनुष्ठानों के द्वारा भोग लगाया जाता था जिसके बाद यहां प्रसाद शराब के रूप में दिया जो भी चढ़ाया जाता है।

चन्नपटना कुत्ता मंदिर, कर्नाटक

कर्नाटक में मौजूदगी ने मंदिर बेहद खास है इस मंदिर में आप घूमने का मजा ले सकते हैं बता दें कि व्यापारी ने 2010 में देवी केम्पन्ना की पूजा के लिए इस मंदिर को बनवाया था कहा जाता है की इस मंदिर में दो कुर्ते गायब हो गए और उसी रात देवी ने एक आदमी के सपने में आकर कुत्तों के नाम से मंदिर बनवाने की बात कही जिसके बाद इस मंदिर का नाम चन्नपटना कुत्ता मंदिर है यहां कुत्तों की पूजा होती है।

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