हिंदू धर्म में प्रतिदिन सूर्य भगवान को जल चढाने की परंपरा सदियों से चलती आ रही हैं, इस क्रिया से घर, मन में शुभता और सकारात्मक प्रभाव होते हैं, सूर्योदय के समय किया जाने वाला यह अनुष्ठान महत्वपूर्ण आध्यात्मिक और व्यावहारिक लाभ प्रदान करता हैं, आज हम इस लेख के माध्यम से आपको सूर्य को जल चढाने के समय के बारे में जानकारी प्रदान करेंगे, ऐसा माना जाता हैं कि सूर्योदय के 1 घंटे के भीतर ही सूर्य को जल चढा देना चाहिए, आइए जानते है इसके फायदों के बारे में-

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रिश्तों को बेहतर बनाना:

सूर्य को जल चढ़ाते समय मिश्री शामिल करने से रिश्तों में मधुरता आती है। यह मेल-मिलाप को बढ़ावा देता है और पारस्परिक संबंधों को बेहतर बनाता है।

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ऊर्जा का संचार:

जल अर्पण के दौरान कनेर के फूलों को शामिल करने से साधक को ऊर्जा मिलती है। जीवन शक्ति का यह संचार पूरे दिन व्यक्ति की शक्ति और सकारात्मकता को बढ़ाता है।

सुख और समृद्धि लाना:

सूर्य को चढ़ाए जाने वाले जल में चावल के दाने मिलाना प्रचुरता और समृद्धि का प्रतीक है। ऐसा माना जाता है कि ऐसा करने से घर में खुशी और वित्तीय समृद्धि आती है।

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विवाह संबंधी बाधाएं दूर: सूर्य को अर्घ्य देते समय जल में हल्दी मिलाने से विवाह में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं।

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