दोस्तों, आपको बता दें कि मंगलवार और शनिवार को आने वाले प्रदोष तिथि का विशेष महत्व है। आज अगहन मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि है। इस दिन भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए प्रदोष व्रत किया जाता है।

मान्यता है कि मंगल प्रदोष व्रत करने से कर्ज से छुटकारा मिलता है तथा भोलेनाथ की कृपा से सभी कष्टों का नाश होता है। इतना ही नहीं मंगल ग्रह के कारण मिलने वाले अशुभ प्रभाव में कमी आती है और इस व्रत के प्रभाव से स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं दूर होती हैं। मंगल प्रदोष का व्रत करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है। यह व्रत महिला-पुरुष दोनों के लिए फलदायी माना गया है।

मंगल प्रदोष व्रत व पूजा करने की विधि
- इस दिन सुबह स्नान आदि करके भगवान शिव की पूजा करें। बिना कुछ खाएं व्रत का विधान है। संभव ना हो तो केवल फल खा सकते हैं।

-इस दिन मन ही मन ऊं नम: शिवाय का जाप करना फलदायी होता है।

- शाम के समय फिर से स्नान करके शिवजी की पूजा करें। भगवान शिव को घी और शक्कर मिले जौ के सत्तू का भोग लगाएं। आठ दीपक आठ दिशाओं में जलाएं। इसके बाद शिवजी की आरती करें।

- इसके बाद हनुमान चालीसा का पाठ करें।

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