आपके सोने के तरीके का मतलब है कि सोने की स्थिति भी आपकी त्वचा को प्रभावित करती है। इससे आपकी त्वचा खराब हो सकती है और आपको त्वचा संबंधी कुछ समस्याएं हो सकती हैं। स्लीपिंग पैटर्न में कई ऐसी पोजीशन होती हैं जो आपकी त्वचा को प्रभावित करती हैं और हमें इसका एहसास भी नहीं होता है। गलत तरीके से सोने से आपकी त्वचा पर रैशेज, मुहांसे और यहां तक ​​कि झुर्रियां भी पड़ सकती हैं। जैसे हम सांस लेते हैं वैसे ही हमारी त्वचा सांस लेती है। इसलिए सोते समय इन बातों का विशेष ध्यान रखें।

त्वचा पर चकत्ते

आपके सोने की स्थिति से आंखों में सूजन, झुर्रियां और मुंहासे हो सकते हैं। अक्सर आप इस तरह से सोते हैं कि चेहरे के एक तरफ तकिया हो। इससे चेहरे पर रैशेज हो सकते हैं। इससे गाल का एक हिस्सा दबा रहता है। मुंहासों से बचाव के लिए तकिए के कवर को साफ रखें। इसमें बैक्टीरिया हो सकते हैं और त्वचा की समस्याएं हो सकती हैं।

सीधे बिस्तर पर जाओ

सीधे सोना सबसे अच्छी पोजीशन मानी जाती है। इस तरह सोने से आपके चेहरे की त्वचा सांस लेने के लिए खुल सकती है और ब्लड सर्कुलेशन ठीक से होता है। इससे आपके चेहरे पर रैशेज नहीं पड़ते और चेहरे पर दबाव नहीं पड़ता। इस प्रकार सुवती आपके चेहरे को तकिये से नहीं छूती हैं। यह त्वचा की जलन से भी बचाता है।

सबसे खराब नींद की स्थिति

सबसे खराब नींद की स्थिति उलटी है। इसमें आपके चेहरे की त्वचा खुल कर सांस नहीं ले सकती। रक्त संचार भी प्रभावित होता है। यह बंद रोमछिद्रों और आंखों के नीचे बैग की समस्या पैदा कर सकता है, इसलिए इस तरह से सोना छोड़ दें।

एक तरफ सोना

ज्यादातर लोग ऐसे ही सोते हैं, लेकिन सबसे बड़ा नुकसान यह है कि अगर आप त्वचा पर कुछ लगाते हैं, तो वह तकिए से चिपक जाता है और फिर अपना असर खो देता है। अगर आप नाइट क्रीम लगाते हैं तो यह एक समस्या बन जाती है।

दबाव के कारण बढ़ती उम्र की समस्या

चेहरे पर अत्यधिक दबाव उम्र बढ़ने का कारण बन सकता है क्योंकि सोने से चेहरे पर झुर्रियां और रेखाएं आ सकती हैं।

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