सावन माह की पूर्णिमा को राखी का त्यौहार मनाया जाता है। इस बार रक्षाबंधन का त्यौहार 15 अगस्त को है। इस बार पूर्णिमा पर सात साल बाद पंचाग के पांच अंगो की श्रेष्ठ स्थिति बन रही है। ये मुहूर्त काफी शुभ है।

पर्व के चार दिन पहले गुरु मार्गी है। जिस से राखी का त्यौहार और भी शुभ हो जाता है। इस बार सौभाग्य योग, श्रवण नक्षत्र और मकर राशि के चंद्रमा की साक्षी में राखी यानी रक्षाबंधन बनाया जाएगा। इस बार रक्षाबंधन भद्रा मुक्त रहने वाला है। रक्षाबंधन गुरुवार को है और इस दिन श्रवण नक्षत्र तथा सौभाग्य योग का संयोग भी बन रहा है।

रक्षाबंधन के ठीक चार दिन पहले देव गुरु बृहस्पति मार्गी हो रहे है इसलिए रक्षाबंधन का पर्व और भी खास हो जाता है इस दिन हयग्रीव जयंती भी है, साथ ही रात में 9.40 से पंचक की शुरुआत हो रही है। पंचक में राखी बांधना निषेध है।

राखी के दिन सुबह 6 बजकर 2 मिनट से शाम 5.59 तक पूर्णिमा रहेगी। दोपहर 1.30 बजे से 3 बजे राहुकाल है इसलिए इसमें राखी नहीं बांधना चाहिए। चर व लाभ का चौघड़िया सुबह 10.54 से दोपहर 1.30 बजे तक व शाम को पुन: शुभ का चौघड़िया 5.30 से शाम 7.01 बजे तक रहेगा।

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