17 जुलाई यानि कल से शिवजी का प्रिय माह सावन शुरू हो रहा है, और 15 तारीख को सावन की पूर्णिमा रहेगी, इस दिन रक्षा बंधन पर्व मनाया जाएगा। सावन में शिवजी की विशेष पूजा की जाती है। पूरे माह शिव भक्त मंत्र जाप करते हैं, भगवान के दर्शन के लिए शिव मंदिर जाते हैं। कहते अगर माह सावन में श्रद्धा मन से शिवजी की पूजा करने साडी मनोकामना पूरी हो जाती है। इसलिए चलिए आज जानते है पूजा की सरल विधि क्या है।

पूजा में शिवलिंग पर चंदन, धतूरा, चावल, आंकड़े के फूल, बिल्वपत्र, जनेऊ, प्रसाद के लिए फल, दूध, मिठाई, नारियल, पंचामृत, सूखे मेवे, मिश्री, पान, दक्षिणा पूजा में शिवलिंग पर जरूर चढ़ाएं।

पूजा के दौरान ऊँ उमामहेश्वराभ्यां नम: इस एक मंत्र का जाप करें इससे शिवजी और मां पार्वती दोनों प्रसन्न होते हैं। अगर आप चाहें तो शिव-पार्वती के अलग-अलग मंत्रों का जाप का भी कर सकते हैं। शिव मंत्र : ऊँ सांब सदा शिवाय नम: और पार्वती मंत्र : ऊँ गौर्ये नम:। मंत्र जाप कम से कम 108 बार करना है।


शिवजी की आरती
ऊँ जय शिव ओंकारा, भोले हर शिव ओंकारा।

ब्रह्मा विष्णु सदाशिव अर्द्धांगी धारा॥

ऊँ हर हर हर महादेव...॥
एकानन चतुरानन पंचानन राजे।

हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे॥

ऊँ हर हर हर महादेव..॥
दो भुज चार चतुर्भुज दस भुज अति सोहे।

तीनों रूपनिरखता त्रिभुवन जन मोहे॥

ऊँ हर हर हर महादेव..॥
अक्षमाला बनमाला मुण्डमाला धारी।

चंदन मृग मद सोहै भोले भंडारी॥

ऊँ हर हर हर महादेव..॥
श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे।

सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे॥

ऊँ हर हर हर महादेव..॥
कर के मध्य कमंडलु चक्र त्रिशूल धर्ता।
जगकर्ता जगभर्ता जगपालन करता॥

ऊँ हर हर हर महादेव..॥
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका।
प्रणवाक्षर के मध्ये ये तीनों एका॥

ऊँ हर हर हर महादेव..॥
काशी में विश्वनाथ विराजत नन्दी ब्रह्मचारी।
नित उठि भोग लगावत महिमा अति भारी॥

ऊँ हर हर हर महादेव..॥
त्रिगुण शिवजीकी आरती जो कोई नर गावे।
कहत शिवानन्द स्वामी मनवांछित फल पावे॥

ऊँ हर हर हर महादेव..॥
ऊँ जय शिव ओंकारा भोले हर शिव ओंकारा।
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव अर्द्धांगी धारा ।।

ऊँ हर हर हर महादेव....।।

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