सावन का महीना महादेव और पार्वती को समर्पित होता है। शिव जी की पूजा के लिए सुबह से ही मंदिरों में भक्तों का तांता लगा रहता है। लोग अपने मन की मुराद को पूरा करने के लिए भगवान शिव की आराधना करते हैं और उन्हें कई तरह की चीजें जैसे बेलपत्र आदि भी अर्पित करते हैं। 25 जुलाई से सावन का महीना शुरू होने जा रहा है जो 22 अगस्त को समाप्त होगा

अगर आप भी देवों के देव महादेव की विशेष कृपा पाना चाहते हैं तो बेलपत्र के महत्व को समझना बेहद ज़रूरी है। आइए जानते हैं कि बेलपत्र क्यों है शिव को इतना प्रिय और क्या है बेलपत्र का महत्व...

बेलपत्र का महत्व

बेल के पेड़ की पत्तियों को बेलपत्र कहते हैं। इसमें तीन पत्तियां एक साथ जुड़ी हुई हो तभी इसे बेलपत्र माना जाता है। भगवान शिव की पूजा में बेलपत्र प्रयोग होते है। इसके औषधीय गुण भी है। इसका प्रयोग करके तमाम बीमारियां दूर की जा सकती हैं।

जब भी आप महादेव को बेलपत्र अर्पित करें तो कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत ज़रूरी है। क्योकिं गलत तरीके से इसे अर्पण करने पर भगवान शिव रुष्ट हो सकते हैं।

जानिए बेलपत्र से जुड़ी इन सावधानियों के बारे में...
- एक बेलपत्र में तीन पत्तियां होनी चाहिए।
- पत्तियां कटी फ़टी नहीं होनी चाहिए और ना ही इनमे कोई छेद होना चाहिए।
- एक ही बेलपत्र को जल से धोकर बार-बार भी चढ़ा सकते हैं।
- शिव जी को बेलपत्र अर्पित करते समय साथ ही में जल की धारा जरूर चढ़ाएं।

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