कोरोना के मामले दिन पर दिन बढ़ते ही जा रहे हैं। इस महामारी का कोई इलाज फिलहाल नहीं हैं। ऐसे में जिसको जो समझ में आ रहा हैं वो वैसे इससे अपना इलाज कर रहा हैं। कोई इलाज न होने की वजह से बहुत सारे लोग रेमडेसिविर को ही राम बाण इलाज समझ रहे हैं। लेकिन डॉक्टरों की मानें तो रेमडेसिविर सिर्क एक एंटी-वायरल ड्रग हैं जिसको लेने से कोई खास लाभ आपको नहीं होगा।

जरूरी नहीं कि यह हर प्रकार के वायरस को मार सके। मुख्यत: इबोला वायरस बहुत पहले हुआ करता था, उसे यह नष्ट करता था, लेकिन 2020 में जब कोरोनावायरस आया, तो कुछ रिसर्च में यह पता चला कि इसका कुछ असर ही कोविड-19 में है।

गंभीर मरीज यदि 15 दिन में निगेटिव होता है। इसके इस्तेमाल से वह 13 दिन में निगेटिव हो जाता है। रिसर्च में पता चला है कि फेफड़े के संक्रमण में यह बहुत ज्यादा प्रभावी नहीं है। मरीज सीरियस हो रहा हो, तो इसकी जगह स्टेरॉयड और डेक्सोना दी जा सकती है। खून पतला करने के लिए हिपैरिन देना चाहिए। इन सबका 90 प्रतिशत असर है, जबकि रेमडेसिविर का असर महज 10 प्रतिशत है।

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