प्रेग्नेंसी का दौर महिलाओं के लिए बहुत ही नाज़ुक होता है। इस दौरान गर्भधारण करने वाली महिला जो भी करती है, उसका सीधा असर शिशु की सेहत पर पड़ता है। बता दें कि मां को जितना अच्छा पौष्टिक आहार मिलेगा, शिशु की सेहत उतनी ही अच्छी होगी।

अधिकांश लोगों के मन में यह सवाल रहता है कि गर्भधारण करने के दौरान महिलाओं को शाकाहारी भोजन करना चाहिए या फिर मांसाहारी। हांलाकि अधिकांश महिलाएं नॉन वेज का सेवन करती हैं।

अभी कुछ समय पहले ही सर्वे में यह बात सामने आई है कि जो प्रेग्नेंट औरतें जो शुद्ध शाकाहारी होती हैं उनके बच्चों का जन्म ज़्यादातर मौकों पर समय से पहले ही हो जाता है। यानि 9 महीना पूरा होने से पहले ही वह अपने बच्चे को जन्म दे देती हैं।

नॉन-वेजीटेरियन गर्भवती महिलाओं में इस बात की संभावना बहुत कम हो जाती है। शोधकर्ताओं के अनुसार, शाकाहारी प्रेग्नेंट महिलाओं को विटामिन बी 12 की पर्याप्त मात्रा नहीं मिल पाती है। इस विटामिन के अभाव में स्त्री का गर्भाशय छोटा हो जाता है जिसकी वजह से समय से पूर्व ही बच्चे का जन्म हो जाता है। इसलिए गर्भवती महिला यदि शाकाहारी है तो वह डॉक्टर से परामर्श लेकर विटामिन बी 12 सप्लीमेंट्स ले सकती है।

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