वर्किंग महिलाओं में डिप्रेशन का कारण
जिंदगी जीना इतना कठिन हो गया है कि आज हम अपने लिए समय निकाल ही नहीं पाते हैं. दूसरों से लगी दौड़ में हम पीछे ना रह जाएं, इसलिए कई बार जरूरत से ज्यादा काम सिर पर डाल लेते है।
जो महिलाएं जरूरत से ज्यादा काम करती है वो खुद को डिप्रेशन का शिकार कर लेती है
महिलाएं जो सिर्फ ऑफिस में ही नहीं करती, बल्कि जो अपने घर को भी संभालती उनके लिए तो डिप्रेशन ज्यादा है ।
जो महिलाएं अपने घर को कामवाली बाई के भरोसे छोड़ती है, वो भी इस तनाव में रहती है कि मेरे पीछे से क्या हो रहा होगा। मैं अपने बच्चें को भी टाइम नही दे पाती हूँ। बगैरह बगैरह....इस बात को ज्यादा सोचने से भी महिलाएं डिप्रेशन का शिकार हो जाती है।
अब जब सैलरी कम हो तो तनाव और हो जाता है जिससे डिप्रेशन और भी हो जाता है। सैलरी कम और काम ज्यादा करना पड़ा और घर के लिए भी पूरे टाइम न दे पाओ । ये भी महिलाओं में डिप्रेशन की एक बड़ी वजह है।
औरों के बच्चों की अच्छी परवरिश देख, और लोगो के ताने भी महिलाओं को गिल्टी महसूस कराते है। जिससे महिलाएं ज्यादा व फ़िजूल सोचकर खुद को डिप्रेशन में डाल लेती है।