बचपन में हमने सैंटा क्लॉस की कई कहानियां सुनी है डायरी के कागज पर अपनी ढ़ेर सारी विश लिखकर तकिये के निचे रखना उसके पूरे होने का इंतजार करते हुए सो जाना और अगली सुबह बड़े उत्साह के साथ तकिये को हटा कर देखना कई बार मां या पापा उसे पूरा भी कर देते थे और कई बार विश पूरी ना होने पर इस बात से दुखी भी हो जाते थे क्या अपने सोचा है, क्या सैंटा क्लॉस सच में होता है या बस यह कहानियों में जिंदा है। तो आज आपको बता हि दे कि असली सैंटा क्लॉस कहां रहता है.

यूरोप में स्थित फिनलैंड एक गल्फ देश है इसी में एक छोटा सा विलेज रोवानिएमी है माना जाता है कि यहीं सैंटा क्लाज का विलेज है यहां कड़ाके की ठंड रहती है। यह देश 12 महीने बर्फ की चादर से ढका रहता है। रोवानिएमी का ये छोटा सा गांव सैंटा विलेज के नाम से पुकारा जाता है। इस गांव में एक लंबी सफेद दाढ़ी वाला, लाल रंग के कपड़े पहने हुए एक व्यक्ति अपनी पत्नी के साथ रहता है, जिन्हे लोगो सैंटा क्लॉज के नाम से बुलाते हैं।

इस गांव की खास बात यह है कि गांव में घुसते ही लकड़ियों से बनी झोपडि़यां नजर आती हैं। यहा लोग लकड़ी की झोपड़ियों से बने घरो में रहते है और यहां का एक - एक नजारा बचपन में सुनी कहानियों को हकीकत में होने का अहसास कराता है। गांव में एक ऐसी ही झोपडी से बना एक छोटा सा घर है इसमें हर एक चीज हर एक सामान लाल और सफेद रंग से सजा है। सांता की इस झोपड़ी की खास बात यह है की नन्हें बच्चों के ढ़ेर सारे खत दूर से ही दिखाई दे देते है। इन खतों को सांता और उनकी पत्नी बहुत संभाल कर रखते हैं। सांता की इस झोपडी में एक हिस्सा ऐसा है जहां से सांता क्लॉस लोगों से मिलता है। जिसे सैंटा का मीटिंग डोर कहा जाता है।

इसकी खास बात यह है कि सैंटा के इस विलेज घूमने आए पर्यटक - यहां सैंटा से मिलने के अलावा उससे बातेंक्र सकते है। उनके साथ फोटोज भी ले सकते हैं। बता दे कि यहां हर साल भारी संख्या में सैलानी सांता क्लोज के नाम से मशहूर इस गांव में आकर खूब एन्जॉय करते है।

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