आरबीआई ने तीन सहकारी बैंकों, तमिलनाडु में दो और जम्मू-कश्मीर में एक पर जुर्माना लगाया। उसने तीन सहकारी बैंकों पर कुल 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। जुर्माना नियामक अनुपालन की कमी के लिए लगाया गया है। केंद्रीय बैंक ने एक बयान में कहा कि जम्मू-कश्मीर के बारामूला सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड पर नई जमा की स्वीकृति पर रोक लगाने के लिए आरबीआई के निर्देशों का उल्लंघन करने पर 2 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। उसने द बिग कांचीपुरम को-ऑपरेटिव टाउन बैंक लिमिटेडपर ऋण नियमों और वैधानिक / अन्य प्रतिबंधों के तहत जारी निर्देशों का पालन न करने पर 2 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।

नियमों का उल्लंघन करने पर लगा जुर्माना

केंद्रीय बैंक ने कहा कि उसने चेन्नई सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक पर आय मान्यता, परिसंपत्ति वर्गीकरण, प्रावधान और अन्य संबंधित मामलों के संबंध में कुछ निर्देशों का पालन न करने/उल्लंघन करने पर 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, महीने की शुरुआत में आरबीआई ने महाराष्ट्र के इंडिपेंडेंस को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड का लाइसेंस रद्द कर दिया था। केंद्रीय बैंक ने कहा, 3 फरवरी 2022 के बाद बैंक कोई कारोबार नहीं कर पाएगा। बैंक की आर्थिक स्थिति को देखते हुए रिजर्व बैंक ने पिछले साल भी पाबंदियां लगाई थीं। ग्राहक 6 महीने तक पैसे नहीं निकाल सके. बैंक की कारोबारी स्थिति में सुधार नहीं होने के बाद रिजर्व बैंक ने अब लाइसेंस रद्द करने का फैसला किया है.

3 महीने के लिए बढ़ा प्रतिबंध

जिसके अलावा आरबीआई ने इसी महीने एक अन्य सहकारी बैंक पर बड़ी कार्रवाई करते हुए प्रतिबंध को 3 महीने के लिए बढ़ा दिया था। केंद्रीय बैंक ने कर्नाटक के देवंगारे में स्थित मिलाथ सहकारी बैंक पर प्रतिबंधों को 7 मई 2022 तक और तीन महीने के लिए बढ़ा दिया। आरबीआई ने मई 2019 में पहली बार इस सहकारी बैंक पर प्रतिबंध लगाया। जिससे पहले, जनवरी 2022 में, आरबीआई ने लखनऊ के इंडियन मर्केंटाइल कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड पर एक लाख रुपये की निकासी सीमा सहित कई प्रतिबंध लगाए थे। सहकारी बैंक अपनी स्वीकृति के बिना कोई ऋण, अग्रिम या कोई निवेश नहीं देगा या नवीनीकृत नहीं करेगा।

बैंक के किसी भी जमाकर्ता को बचत, चालू या अन्य खातों में कुल शेष राशि से एक लाख रुपये से अधिक की राशि निकालने की अनुमति नहीं होगी। इसके लिए कुछ नियम और शर्तें लागू होंगी।

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