सनातन धर्म में हर देश का अपना महत्व है। लेकिन सभी व्रतों में सबसे कठिन व्रत है एकादशी का। यह व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है। इस दिन एकादशी व्रत को विधिपूर्वक करने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है। साथ ही मां लक्ष्मी की कृपा भी प्राप्त होती है। हर महीने दोनों पक्ष एकादशी व्रत रखते हैं। प्रत्येक एकादशी का अपना महत्व है।

सनातन धर्म में हर व्रत का अपना महत्व है। लेकिन सभी व्रतों में सबसे कठिन एकादशी व्रत है। एकादशी व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है। इस दिन नियमानुसार एकादशी का व्रत करने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है। साथ ही मां लक्ष्मी की कृपा भी प्राप्त होती है। एकादशी व्रत हर महीने के दोनों तरफ मनाया जाता है। प्रत्येक एकादशी का अपना महत्व है।

कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को रमा एकादशी के नाम से जाना जाता है। दिवाली से पहले देवी लक्ष्मी की कृपा पाने का एक विशेष अवसर होता है। कहा जाता है कि इस दिन देवी लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा करने से भक्तों के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। इस दिन भगवान विष्णु के लिए व्रत किया जाता है और देवी लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और भक्तों के धन को भर देती हैं। इस दिन व्रत करने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है। और स्वास्थ्य है। आइए जानते हैं रमा एकादशी की तिथि, शुभ मुहूर्त और महत्व।

कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को रमा एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस दिन देवी लक्ष्मी को प्रसन्न करने और उनका आशीर्वाद लेने के लिए व्रत रखा जाता है। इस बार रमा एकादशी 21 अक्टूबर शुक्रवार को पड़ रही है। आपको बता दें कि इस बार एकादशी तिथि 20 अक्टूबर को शाम 04.04 बजे से शुरू होकर 21 अक्टूबर को शाम 05.22 बजे समाप्त होगी.

Related News