कर्म सिद्धांत सबसे अलग होता है| आप जो देते है प्रकृति से वही वापस भी लेते है| इसलिए हर धार्मिक पुस्तकों में भी कर्म के सिद्धांत को वरीयता दी गई है| आप यदि ख़ुदा की इबादत करते है या भगवान की आराधना लेकिन सिर्फ पाठ पूजा से ही आप सब कुछ नही पा सकते | उसके लिए तो आपको कर्म करना ही पड़ेगा|

जो हम कर्म कर आये है वो तो हमको भुगतने ही पड़ेंगे| इन कर्मो के सिद्धांतो से तो भगवान भी अछूते नही रहें| हमें भी और अपने बच्चों को भी अच्छे काम करने की सलाह देनी चाहिये

रावण इतना शक्तिशाली था,बुद्धिमान था लेकिन गलत कर्म किये तो आज भी उसको बुराई के प्रतिक के रूप में जलाया जाता है|

हमें आपने बच्चों को सिखाना चाहिये की वो ज्यादा से ज्यादा पेड लगाये ताकि पर्यावरण की सुरक्षा में भागीदार बने| आने वाली पीड़ी भी सुरक्षित रह सके|

बच्चों को सिखाये लड़कियों, बुजुर्गो की इज्जत करना| अध्यापक और कोई भी बड़ा हो उसका सम्मान करना यदि आपने सिखा दिया तो आप अपने लिए निश्चिंत हो जाये| वो बड़ा होकर आपकी इज्जत जरूर करेगा|

तमीज से बोलना सिखाये| बच्चे किसी के भी आगे कुछ भी बोल देते है| इससे आप के लिए आगे चलकर मुसीबत आयेगी| फिर एक समय ऐसा आएगा वो आपको भी कुछ भी बोलेंगे| और फिर आप कुछ नही कर पाओगे|

हल्का फुल्का काम भी करना सिखाये| नही तो वो हमेशा हर किसी पर निर्भर रखेंगे| आप भी कभी उसको काम की कहोगे तो वो साफ़ साफ़ मन कर देगा|

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