इंसान की पहचान उसके नाम से होती है लेकिन कई बार कई कारणों से किसी व्यक्ति के दो अलग नाम भी होते हैं। कई बार किसी रीती रिवाज के कारण किसी के दो नाम पड़ जाते हैं तो किसी के नाम प्यार दुलार के कारण घर वाले रख देते हैं। ऐसे में आज हम आपको नाम बदलवाने की प्रोसेस के बारे में बताने जा रहे हैं।

भारत में नाम बदलने के लिए ये तीन प्रक्रिया अनिवार्य है जिनके बारे में आपको जान लेना चाहिए।

शपथ पत्र प्रस्तुत करना: नाम बदलने के लिए एक हलफनामा तैयार करना।
विज्ञापन प्रकाशन: नाम बदलने की घोषणा को न्यूज़ पेपर में भी पब्लिश किया जाना चाहिए।
राजपत्र अधिसूचना: नाम परिवर्तन के संबंध में भारत के राजपत्र में एक अधिसूचना प्रकाशित की जानी चाहिए।

एफिडेविइट सबमिशन
आपको नाम चेंज करने के लिए सबसे पहले हलफनामा प्रस्तुत करना होगा। आपको इसके लिए नोटरी से कॉन्टैक्ट करना होगा। इसके बाद नोटरी जरूरी स्टाम्प पेपर पर नाम बदलवाने के लिए शपथ पत्र तैयार करवाएगा। इस पर उस व्यक्ति का वर्तमान नाम और जो नया नाम रखने के लिए आवेदन कर रहे हैं लिखा होना चाहिए। इसके अलावा वर्तमान पता और नाम बदलवाने की प्रक्रिया भी आपको बतानी होगी।

हलफनामे को एक सादे स्टाम्प पेपर इन्हे प्रिंट करने के बाद इस पर दो गवाहों के साइन होने चाहिए। कानूनी प्रक्रिया को राजपत्रित अधिकारी रैंक के दो व्यक्तियों द्वारा हस्ताक्षरित करना होगा। सिग्नेचर के साथ स्टाम्प पेपर भी होना जरूरी है। हलफनामा आपके पुराने और नए नाम को दर्शाता है। शपथ पत्र का इस्तेमाल पूरे नाम, उपनाम या सिर्फ कुछ अक्षरों को बदलने के लिए किया जा सकता है।

अगर किसी प्रवासी भारतीय को अपना नाम बदलना है तो उसे भारतीय उच्चायोग कार्यालय या भारतीय दूतावास द्वारा सिग्नेचर वाला हलफनामा होना चाहिए।

समाचार पत्र प्रकाशन
नाम बदलवाने के बाद इसकी जानकारी स्थानीय अख़बार में भी देनी होती है। इसमें आपको बताना होगा कि आपने अपना नाम बदल दिया है। इसके लिए आपको दो समाचार पत्रों का चयन करना होगा, एक राज्य की लोकल भाषा और दूसरा अंग्रेजी दैनिक अखबार में छपवाना है। इसमें आपका नया नाम, पुराना नाम, जन्म की तारीख और वर्तमान पता होना जरूरी है।

राजपत्र अधिसूचना
आखिरी में आपको बदले नाम की जानकारी नोटिफिकेशन में प्रकाशित करवानी होगी। नाम परिवर्तन गजट अधिसूचना सरकार के साथ रोजगार में रहने वाले और अन्य लोगों के लिए वैकल्पिक है।


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