जो लोग एसी में सोने के आदी होते हैं और इसका तापमान बहुत कम यानि टेंपरेचर 17 या 18 डिग्री सेल्सियस करके रखते हैं,उन लोगो के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सलाह दी है,उनके मुताबिक ये नुकसानदायक होता है, सफदरजंग अस्पताल के मेडिसिन विभाग के एचओडी प्रोफेसर डॉ. जुगल किशोर ने बातचीत में बताया कि किस तरह ये तरीका हमारे शरीर को कैसे-कैसे नुकसान पहुंचाता है
आज इस लेख के जरिये हम आपको ये बताने जा रहे हैं कि इतने कम तापमान में सोने से शरीर को क्या-क्या नुकसान झेलने पड़ सकते हैं, आइये जाने
बता दे एसी वालों को कोल्ड और कफ भी जल्दी होता है क्योकि रूम और बाहर का तापमान अलग होता है और जैसे ही बॉडी अलग टेंपरेचर में जाती है सर्दी लगने के आसार बन जाते हैं
मेटाबॉलिज्म को नुकसान: डॉ. किशोर का कहना है कि एसी में सोते समय अगर लगातार टेंपरेचर बहुत कम रखा जाए, तो इससे मेटाबॉलिज्म कमजोर होने लगता है,उनके मुताबिक जो लोग इस तरह सोने के आदी होते हैं उनका वजन तेजी से बढ़ता है, क्योंकि रूम में नमी कम होने लगती है और इसका असर मेटाबॉलिज्म पर पड़ता है


हड्डियों को नुकसान: डॉ. किशोर ने यह भी बताया जो लोग घर के अलावा ऑफिस में भी एसी में रहते हैं, उन्हें हड्डियों कमजोर होने और इनमें दर्द की शिकायत अक्सर रहती है
धमनियों को नुकसान: डॉ. जुगल किशोर ने ये भी बताया कि एसी में सोने की भले ही हमें आदत हो, लेकिन इसका नुकसान हमारी रक्त की धमनियों को भी झेलना पड़ता है,उनके अनुसार एसी की वजह शरीर में बदलाव आता है और ऐसे में धमनियां सिकुड़ने लगती हैं


ड्राई स्किन: एक्सपर्ट्स का कहना है कि एयर कंडीशनर में सोने से स्किन को भी नुकसान झेलना पड़ता है, इससे स्किन पर ड्राइनेस का आने लगती है क्योकि रूम में नमी की कमी होने के साथ-साथ स्किन पर मौजूद मॉइश्चराइजेशन कम होने लगता है,डॉ. किशोर कहते हैं कि इस कारण स्किन पर खुजली और जलन की शिकायत भी हो सकती है


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मुताबिक एसी का तापमान कम से कम 24 डिग्री सेल्सियस रखना चाहिए

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