By Jitendra Jangid- भारतीय सरकार अपने देश के आर्थिक रूप से कमजोर लोगो की मदद के लिए विभिन्न प्रकार की योजनाएं चलाती हैं, इन योजनाओं के माध्यम से सरकार इन लोगो की जीवनशैली में सुधार करती हैं, ऐसी ही एक योजना हैं, प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना, जिसे पिछले साल लॉन्च किया गया था। यह योजना असंगठित क्षेत्र के कारीगरों, शिल्पकारों और स्वरोजगार करने वाले व्यक्तियों को प्रशिक्षण और वित्तीय सहायता प्रदान करके उनका समर्थन करने के लिए बनाई गई है। आइए जानते हैं इस योजना के बारे में पूरी डिटेल्स

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योजना का उद्देश्य:

यह योजना व्यावसायिक प्रशिक्षण और वित्तीय सहायता प्रदान करके कारीगरों और शिल्पकारों को सशक्त बनाने पर केंद्रित है।

कौन आवेदन कर सकता है:

लकड़ी का काम, औज़ार बनाना, मूर्ति बनाना, मिट्टी के बर्तन बनाना, चिनाई, जूता बनाना, टोकरी बुनना, खिलौने बनाना, माला बनाना, और बहुत कुछ सहित विभिन्न पारंपरिक शिल्प में शामिल व्यक्ति।

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आवेदन प्रक्रिया:

ऑनलाइन पंजीकरण:

आधिकारिक वेबसाइट पर जाएँ: पीएम विश्वकर्मा योजना।

पंजीकरण लिंक पर क्लिक करें और आवश्यक जानकारी भरें।

सत्यापन:

पंजीकरण के बाद, होम पेज पर अपना मोबाइल नंबर और आधार नंबर सत्यापित करें।

आवेदन जमा करना:

आवेदन फॉर्म भरें और प्रमाण पत्र डाउनलोड करें।

मोबाइल एप्लीकेशन:

आवेदन विश्वकर्मा ऐप के माध्यम से भी जमा किए जा सकते हैं।

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प्रशिक्षण और वित्तीय लाभ:

व्यावसायिक प्रशिक्षण:

आवेदकों को 5 से 7 दिनों का प्रशिक्षण मिलता है, जिसमें प्रतिदिन ₹500 का वजीफा मिलता है, जो प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (DBT) के माध्यम से सीधे उनके बैंक खातों में जमा किया जाता है।

टूल किट सब्सिडी:

प्रशिक्षण के बाद, टूल किट खरीदने में मदद के लिए ₹1,500 की सब्सिडी दी जाती है।

संपार्श्विक-मुक्त ऋण:

प्रशिक्षण पूरा होने के बाद आगे की व्यावसायिक गतिविधियों का समर्थन करने के लिए सरकार बिना किसी संपार्श्विक के ऋण प्रदान करती है।

लक्षित लाभार्थी:

यह योजना शिल्प-आधारित व्यवसायों में लगे व्यक्तियों के लिए विशेष रूप से लाभकारी है, यह सुनिश्चित करती है कि उनके पास आर्थिक रूप से समृद्ध होने के लिए कौशल और संसाधन हैं।

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