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केंद्र सरकार किसानों के लिए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना चलाती है। इस योजना का लक्ष्य पात्र किसानों को आर्थिक लाभ प्रदान करना है, प्रत्येक लाभार्थी को साल में तीन बार 2,000 रुपये मिलते हैं, कुल मिलाकर 6,000 रुपये का वार्षिक लाभ मिलता है। कई किसान पहले से ही इस योजना से लाभान्वित हो रहे हैं, जबकि अन्य इसके लिए आवेदन कर रहे हैं। हालाँकि, घोटालों का शिकार होने से बचने के लिए किसानों को कुछ गलतियाँ करने से बचना चाहिए। आइये जानें इन गलतियों के बारे में:

ई-केवाईसी स्कैम:
किसानों को पीएम-किसान योजना के तहत ई-केवाईसी (वेरिफिकेशन से गुजरना होगा। यदि आपके पास ई-केवाईसी से संबंधित कोई कॉल, मैसेज या अज्ञात लिंक आता है तो सावधान रहें और उन पर क्लिक करने से बचें। ऐसे घोटालों का शिकार होने से धोखाधड़ी वाली गतिविधियाँ हो सकती हैं।

धोखाधड़ी करने वाले व्यक्तियों से सावधान रहें:
योजना के तहत कुछ किसानों को पिछली किश्तें नहीं मिली होंगी। हालांकि इसके कई कारण हो सकते हैं, लेकिन अगर कोई पैसे के बदले लंबित किस्त देने का वादा करता है तो सावधान हो जाएं। ऐसे व्यक्ति धोखेबाज बन सकते हैं, इसलिए सतर्क रहें और ऐसे ऑफर्स से बचें।

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संदिग्ध कॉल का जवाब देने से बचें:
घोटालेबाज अक्सर ई-केवाईसी पूरा करने में किसानों की सहायता करने का दावा करते हुए कॉल करते हैं। सरकारी एजेंसियां या बैंक ऐसी कॉल नहीं करते। इसलिए, धोखाधड़ी का शिकार होने से बचने के लिए कॉल पर किसी भी गोपनीय बैंकिंग जानकारी को साझा करने से बचें।

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बैंक खाता व्यक्तिगत रूप से अपडेट करें:
पीएम-किसान योजना में नामांकन करते समय, किसानों को सटीक बैंक खाते का विवरण प्रदान करना होगा क्योंकि किस्त की राशि सीधे उनके खातों में जमा की जाती है। यदि प्रदान की गई जानकारी में कोई त्रुटि है, तो किसानों को व्यक्तिगत रूप से निकटतम केंद्र पर जाना चाहिए या अपने बैंक विवरण को अपडेट करने के लिए आधिकारिक पोर्टल का उपयोग करना चाहिए। हालाँकि, खाता विवरण अपडेट करने का दावा करने वाली कॉल के जवाब में कभी भी संवेदनशील जानकारी साझा न करें।

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