मान्यता है कि पितृ पक्ष या श्राद्ध पक्ष के दौरान सभी पितर यानि परिवार के वो बुजुर्ग जिनकी मृत्यु हो चुकी है, उनकी आत्माएं पृथ्वी पर भ्रमण करती हैं और अपने परिवार के लोगों के बीच आकर रहती हैं। ऐसा माना जाता है कि अगर पितृ नाराज़ हो जाएं तो मनुष्य को अपने जीवन में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसलिए पितृ पक्ष के दौरान पितरों का श्राद्ध करना ज़रूरी माना जाता है।

पितृ पक्ष के दौरान कुछ खास बातों का ध्यान रखना ज़रूर है क्योंकि इनकी अनदेखी करने से पितृ नाराज़ हो जाते हैं और उनकी अशांति के कारण हमारे में जीवन में अशांति आ जाती है।

1. पितृ पक्ष के दौरान घर पर आए किसी भी अतिथि को बिना भोजन पानी के नहीं जाने देना चाहिए, मान्यता है कि इन दिनों पितर किसी भी रूप में आपके घर पर आ सकते हैं।

2. पितृ पक्ष में बनाए गए भोजन में से एक हिस्सा निकालकर सबसे पहले पितरों को अर्पण करना चाहिए, यानि आप जो भी भोजन बनाएं उसमें एक हिस्सा गाय, कुत्ता, बिल्ली या कौए को खिला दें।

3. पितृ पक्ष के दौरान खाने में मसूर की दाल, चना, लहसुन, जीरा, काले उडद, काला नमक, राई, और बासी भोजन नहीं खाना चाहिए, इसके अलावा खान-पान में मांस मछली को शामिल नहीं करना चाहिए।

4. ऐसा कहा जाता है कि पितृ पक्ष के दौरान नया घर नहीं लेना चाहिए। पितृ पक्ष को लेकर मान्यता है कि इन दिनों नए वाहन नहीं खरीदने चाहिए।

5. पितृ पक्ष में पितरों को प्रसन्न करने के लिए ब्राह्मणों को भोजन करवाने का नियम है, भोजन पूर्ण सात्विक एवं धार्मिंक विचारों वाले ब्राह्मण को ही करवाना चाहिए।

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