Pitru paksha 2020: श्राद्ध में इन सब्जियों का भूलकर भी ना करें प्रयोग, नहीं तो....
हिंदू शास्त्रों में श्राद्ध कर्म विशेष प्रयोजन से किया जाता है। हिन्दू धर्म में मान्यता है कि पितृपक्ष में हमारे पितर पृथ्वी पर आते हैं। उनके वंशज उनके नाम से ब्राह्मणोंको भोजन कराने से वे तृप्त होकर और आशीर्वाद देकर अपने धाम चले जाते हैं। ज्योतिषाचार्य पं.शिवकुमार शर्मा के अनुसार श्राद्ध करने के कुछ नियम होते हैं। इन नियमों का पालन बेहद जरुरी है। जानिए किन नियमों से श्राद्ध करना चाहिए।
-अपने पूर्वजों के निमित्त के योग्य विद्वान ब्राह्मण को आमंत्रित कर भोजन कराना चाहिए। इसके पश्चात गरीबों को भी अन्न का दान करना चाहिए।
-पितरों के निमित्त श्राद्ध 11:36 बजे से 12:24 बजे में ही करना चाहिए।
-श्राद्ध में गाय का घी, दूध और दही का प्रयोग अच्छा माना गया है।
-श्राद्ध कर्म में गेहूं, सरसों, जौं, धान और कंगनी से पूरित भोजन से पितर तृप्त होते हैं।
-श्राद्ध में लहसुन, प्याज, मसूर, पेठा, लौकी, चना, छोला, काला नमक और बैंगन वर्जित है।
-सोने, चांदी और तांबे के पात्रों में पितरों के लिए भोजन निकालना चाहिए।