रत्न शास्त्र के अनुसार हर एक ग्रह के लिए अलग-अलग रत्न बनाए गए है जो व्यक्ति के जीवन में काफी सकारात्मक प्रभाव डालते हैं। इन्हीं रत्नों में से एक है पीताम्बरी नीलम रत्न। यह शनि और गुरु बृहस्पति का रत्न होता है। कहा जाता है कि पीताम्बरी रत्न पहनने से रंक भी राजा बन जाता है। जानिए पीतांबरी नीलम धारण करते समय किन चीजों का रखें ख्याल और कैसे धारण करें ये रत्न।

पीतांबरी नीलम रत्न पहनने के फायदे
पीतांबरी नीलम रत्न को धारण करने से कुंडली में शनि और गुरु बृहस्पति की स्थिति मजबूत होती है।
इस रत्न को धारण करने से शनि की साढ़े साती और ढैय्या के प्रभाव भी कम होता है।
पीतांबरी नीलम रत्न पहनने से व्यक्ति का भाग्य जा जाता है। अचानक धन लाभ के साथ आय का स्त्रोत बढ़ जाता है।

इस रत्न को धारण करने से विवाह में आ रही अड़चने समाप्त हो जाती है। इसके साथ वैवाहिक जीवन की हर एक समस्या समाप्त हो जाती है।
पीतांबरी नीलम रत्न धारण करने से व्यक्ति की बुद्धि पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। उसके रचनात्मक और बौद्धिक विकास में वृद्धि होती है।

इन राशियों के लिए लाभकारी पीतांबरी नीलम रत्न
रत्न शास्त्र के अनुसार पीतांबरी नीलम रत्न मकर, धनु, कुंभ और मीन राशि के जातकों के लिए फलदायी माना जाता है। लेकिन इस रत्न को धारण करते समय इस बात का ध्यान रखें कि आपकी कुंडली में शनि या फिर गुरु बृहस्पति नीय या शत्रु भाव में विराजमान न हो।


जिन राशियों की कुंडली में शनि और गुरु बृहस्पति पांचवें, नौवें और दशम भाव के उच्च स्थिति में विराजमान है उन्हें ही पीतांबरी नीलम रत्न धारण करना चाहिए।

कैसे पहनें ये रत्न
पीतांबरी नीलम रत्न 7 से सवा 8 रत्ती तक पहना जा सकता है। इस रत्न को चांदी पर पहनना सबसे अच्छा माना जाता है। इसके अलावा पंचधातु या फिर सोना में भी पहना सकता है। शनिवार या गुरुवार के दिन एक कटोरी में गाय का कच्चा दूध और गंगाजल डालकर थोड़ी देर को रख दें। इसके बाद दाएं हाथ की मध्यमा या फिर अनामिका पर पहन लें।

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